• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

वरूथिनी एकादशी आज, सौभाग्यदायिनी है यह व्रत, जानें महत्व और पूजा विधि

Writer D by Writer D
07/05/2021
in Main Slider, ख़ास खबर, धर्म, फैशन/शैली
0
Varuthini Ekadashi

Varuthini Ekadashi

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

वैशाख मास की कृष्‍ण पक्ष की तिथि को आने वाली एकादशी को वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) कहते हैं। इस बार यह एकादशी 07 मई यानी आज है। इस दिन भगवान विष्णु के वाराह अवतार की पूजा अर्चना की जाती है। पद्मपुराण के अनुसार इस एकादशी के व्रत से समस्त पाप व ताप नष्ट होते हैं। मान्यता है कि इस लोक के साथ-साथ व्रती का परलोक भी सुधर जाता है। साथ ही इस शुभ दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की  से पूजा करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।

वरूथिनी एकादशी का महत्व

वरूथिनी एकादशी को दुख, दरिद्रता और कष्टमुक्ति के लिए विशेष रूप से प्रभावी माना गया है। इस दिन जो भी भक्त सच्चे मन से उपवास, दान, तर्पण और विधि-विधान से पूजा करते हैं, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है, उनके सभी पापों का अंत होता है। इस एकादशी पर जितना पुण्य कन्यादान, हजारों वर्षों की तपस्या और स्वर्ण दान से मिलता है, उससे अधिक फल आज के दिन उपवास करने से मिलता है। साथ ही घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।

वरूथिनी एकादशी पूजा विधि

व्रती को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान वगैरह से निवृत्त होकर सबसे पहले उपवास का संकल्प करना चाहिए।

फिर एक छोटी मेज या किसी दूसरी जगह सप्तधान्य (सात प्रकार के अन्न) रखकर मिट्टी का कलश स्थापित करें।

इसके बाद भगवान नारायण की मूर्ति या तस्वीर पर गंगाजल से स्नान करवाकर गंध, सफेद पुष्प, धूप वगैरह समर्पित करें और उनकी आरती करें।

भगवान नारायण को तुलसी बहुत प्रिय है, इसलिए उन्हें तुलसीदल भी समर्पित करना चाहिए।

इस दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए और दान देना चाहिए।

इस दिन दान का विशेष महत्व होता है। दान उनको दें जो जरूरतमंद हों।

एकादशी के अगले दिन अर्थात् द्वादशी वाले दिन सुबह कलश का पूजन करना चाहिए।

उसके बाद कलश और भगवान नारायण की मूर्ति या तस्वीर को किसी ब्राह्मण को दान दे देनी चाहिए।

इस व्रत को रखने वाले को उस दिन अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए और फलाहार ही करना चाहिए।

Tags: Varuthini EkadashiVaruthini Ekadashi 2021Varuthini Ekadashi kathaVaruthini Ekadashi puja vidhiVaruthini Ekadashi shubh muhurt
Previous Post

बीजेपी सरकार को कोरोना काल में देश की जनता के साथ “न्याय” करना चाहिए : लल्लू

Next Post

BJP MLA एवं पूर्व मंत्री दल बहादुर कोरी का कोरोना से निधन

Writer D

Writer D

Related Posts

Azam Khan
Main Slider

मुझे राजनीति छोड़ देनी चाहिए थी, लेकिन अब तो… आजम खान का छलका दर्द

03/10/2025
Idli Chaat
Main Slider

यह डिश नाश्ते में लगा देगी चार चांद, रोज होगी बनाने की डिमांड

03/10/2025
potato momos
खाना-खजाना

इस डिश का नाम सुनते ही खुशी के मारे उछलने लगेंगे बच्चे, बनाना भी है बेहद आसान

03/10/2025
Dosa
खाना-खजाना

सबका मन मोह लेगी ये डिश, फिर इसके लिए हमेशा रहेंगे तैयार

03/10/2025
chutney
खाना-खजाना

बोरिंग लंच-डिनर को टेस्टी बना देगी ये चटनी, नोट करें रेसिपी

03/10/2025
Next Post
Dal Bahadur Kori

BJP MLA एवं पूर्व मंत्री दल बहादुर कोरी का कोरोना से निधन

यह भी पढ़ें

दो आतंकी ढेर

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़, एक सैन्यकर्मी घायल

21/09/2020
CM Nayab Singh Saini

सीएम सैनी ने HSSC के नव नियुक्त चेयरमैन हिम्मत सिंह को दिलवाई गोपनीयता की शपथ

08/06/2024
Suicide

महिला ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, जमीन बंटवारे से थी नाखुश

04/12/2022
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version