• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

एक ही माह में दो बार रखा जाता है वट सावित्री व्रत, जानें इसके पीछे की वजह

Writer D by Writer D
17/05/2025
in धर्म, फैशन/शैली
0
Vat Savitri Vrat

Vat Savitri Vrat

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

सनातन धर्म में वट सावत्री (Vat Savitri) व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। हर वर्ष ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन वट सावित्री व्रत रखा जाता है। इसी दिन शनि जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए वट वृक्ष की पूजा करती हैं। कहते हैं कि इस व्रत के प्रताप से महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है। इसके अलावा निसंतान महिलाओं को संतान के भी प्राप्ति हो सकती है। वहीं जेष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि पर भी वट सावित्री का व्रत किया जाता है, लेकिन ऐसा क्यों है कि साल में दो बार एक ही माह में यह व्रत दो बार क्यों किया जाता है।

वट सावित्री (Vat Savitri) व्रत कब है?

साल 2025 का पहला वट सावित्री व्रत 26 मई 2025 को पड़ेगा, वहीं साल का दूसरा वट सावित्री व्रत 10 जून को पड़ेगा।

दो बार क्यों किया जाता है वट सावित्री (Vat Savitri)  व्रत?

स्कंद और भविष्य पुराण के अनुसार, वट सावित्री व्रत (Vat Savitri) ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिम को किया जाता है, वहीं निर्णयामृतादि के अनुसार, यह व्रत ज्येष्ठ माह कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि को किया जाता है। कहते हैं कि भारत में अमावस्यांत और पूर्णिमानता ये दो मुख्य कैलेंडर प्रचलित हैं। इन दोनों के कैलेंडर में तिथि का अंतर होता है।

पूर्णिमानता कैलेंडर के अनुसार, वट सावित्री (Vat Savitri) व्रत जेष्ठ माह की अमावस्या को मनाया जाता है। जिसे वट सावित्रि अमावस्या कहा जाता है। इस दिन उत्तर भारत, नेपाल और मिथिला के क्षेत्रों में वट सावित्री व्रत रखा जाता है। जबकि अमानता कैलेंडर के हिसाब से जेष्ठ माह की पूर्णिमा मनाता हैं, जिसे वट पूर्णिमा व्रत कहा जाता है। इसके लिए गुजरात और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में ज्येष्ठ पूर्णिमा पर वट सावित्री व्रत रखा जाता है।

Tags: vat savitri
Previous Post

कब है कालाष्टमी, जानें पूजा विधि एवं महत्व

Next Post

कुंडली में है शनि की ढैय्या का प्रभाव, तो इन बातों का रखें विशेष ध्यान

Writer D

Writer D

Related Posts

Makhani Gravy
फैशन/शैली

झट से तैयार हो जाएगी ये डिश, मिलेगा होटल वाला स्वाद

12/10/2025
Tomato Garlic Chutney
खाना-खजाना

ये चटपटी डिश से बढ़ जाएगा खाने का स्वाद, नोट करें रेसिपी

12/10/2025
stuffed bell peppers
फैशन/शैली

चाय का स्वाद बढ़ा देगी मिर्च की ये चटपटी रेसिपी

12/10/2025
Paneer
Main Slider

इस सब्जी से घर पर बनाएं पनीर, बनाने में आसान और स्वाद भी लाजवाब

12/10/2025
खाना-खजाना

खाने को और भी टेस्टी बना देगा ये अचार, नोट कर लें रेसिपी

12/10/2025
Next Post
Shani Dev

कुंडली में है शनि की ढैय्या का प्रभाव, तो इन बातों का रखें विशेष ध्यान

यह भी पढ़ें

Suicide

महिला ने उत्पीड़न से परेशान होकर फांसी लगाकर कर ली आत्महत्या

02/06/2023

मौत से पहले ही मौत मिल जाती है अगर साथ हों ये 4 चीजें

06/10/2021
Bribe

25 हजार रुपये घूस लेते राजस्व निरीक्षक गिरफ्तार

14/06/2023
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version