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भगवान नृसिंह की शोभायात्रा में विजय जुलूस सा दिखेगा नजारा

गोरखपुर। होली के पावन पर्व पर गोरखपुर में शनिवार सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi) की अगुवाई में घण्टाघर से निकलने वाली भगवान नृसिंह ( Lord Narsingh) की शोभायात्रा में विधानसभा चुनाव में भाजपा को हासिल प्रचंड जीत के उपलक्ष्य में विजय जुलूस सा नजारा दिखेगा।

वर्ष 1996 से लेकर 2019 तक श्री योगी इस शोभायात्रा में लगातार शामिल रहे हैं मगर गोरक्षपीठाधीश्वर पिछले दो साल 2020 व 2021 जनता को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए शामिल नहीं हुए थे अब जबकि मोदी.योगी सरकार के समन्वित प्रयास से इस वैश्विक महामारी पर काबू पा लिया गया है तो इस साल मुख्यमंत्री गोरखपुर वासियों के साथ जम कर होली मनाएंगे।

शोभायात्रा सुबह 8:30 बजे से निकलेगी। इसके पूर्व योगी गोरक्षपीठ में होलिका की भस्म का तिलक लगाकर होली मनाने की शुरुआत करेंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरफ से होली के दिन गोरखपुर में स्थित घण्टाघर से निकलने वाली भगवान नृसिंह शोभायात्रा की शुरुआत अपने गोरखपुर प्रवासकाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक नानाजी देशमुख ने 1944 में की थी। गोरखनाथ मंदिर में होलिकादहन की राख से होली मनाने की परंपरा इसके काफी पहले से जारी थी। नानाजी का यह अभियान होली के अवसर पर फूहड़ता दूर करने के लिए था।

होली के मौके पर योगी को बधाई देने वालों का लगा तांता

नानाजी के अनुरोध पर इस शोभायात्रा का गोरक्षपीठ से भी गहरा नाता जुड़ गया। ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ के निर्देश पर महंत अवेद्यनाथ शोभायात्रा में पीठ का प्रतिनिधित्व करने लगे और यह गोरक्षपीठ की होली का अभिन्न अंग बन गया। 1996 से योगी आदित्यनाथ ने इसे अपनी अगुवाई में न केवल गोरखपुर बल्कि समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामाजिक समरसता का विशिष्ट पर्व बना दिया। अब इसकी ख्याति मथुरा.वृंदावन की होली सरीखी है और लोगों को इंतजार रहता है योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाले भगवान नृसिंह शोभायात्रा का।

पांच किलोमीटर से अधिक दूरी तय करने वाली शोभायात्रा में पथ नियोजन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता करते हैं और भगवान नृसिंह के रथ पर सवार होकर गोरक्षपीठाधीश्वर रंगों में सराबोर हो बिना भेदभाव सबसे शुभकामनाओं का आदान.प्रदान करते हैं।

जीत की खुशी में और चटक होगी गोरक्षनाथ की होली, नृसिंह शोभायात्रा में शामिल होंगे योगी

गोरक्षपीठाधीश्वर की अगुवाई में गोरखनाथ मंदिर में होलिकोत्सव की शुरुआत होलिकादहन या सम्मत की राख से तिलक लगाने के साथ होगी। मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ अन्य साधु संतों के साथ तुरही, नागफनी, मजीरा आदि वाद्ययंत्रों की ध्वनि के बीच होलिकादहन स्थल पर पहुंचेंगे और वहां विधि विधान से पूजन कर भस्म एकत्रित करेंगे। यह भस्म सर्वप्रथम शिवावतारी गुरु गोरक्षनाथ को अर्पित की जाएगी। इसके बाद योगी कमलनाथ इस विभूति से गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ का तिलक करेंगे। एक दूसरे को होलिका की राख का तिलक लगाने के बाद संत समाज मंदिर के मुख्य चबूतरे पर फाग गीतों का आनंद उठाएगा।

मंदिर की इस परंपरा में एक विशेष संदेश निहित होता है। होलिकादहन हमें भक्त प्रह्लाद और भगवान श्रीविष्णु के अवतार भगवान नृसिंह के पौराणिक आख्यान से भक्ति की शक्ति का अहसास कराती है। होलिकादहन की राख से तिलक लगाने के पीछे का मन्तव्य है भक्ति की शक्ति को सामाजिकता से जोड़ना। भक्ति और सामाजिक समरसता का संदेश देने के लिए ही गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ 1996 से 2019 तक गोरखपुर में होली के दिन निकलने वाली भगवान नृसिंह शोभायात्रा में अनवरत शामिल होते रहे हैं।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और श्री होलिकोत्सव समिति महानगर की परंपरागत रूप से निकाली जाने वाली शोभायात्रा में को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संबोधित करेंगे। उसके बाद ध्वज प्रणाम और प्रार्थना होगी। प्रांत संघ चालक सुभाष जी, गोरक्षपीठाधीश्वर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भगवान नृसिंह की महाआरती कर शोभायात्रा के रथ पर सवार होंगे। रंग गुलाल खेलते हुए शोभा यात्रा का प्रस्थान होगा।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का ध्वज 20 फीट का होगा। बांसुरी की मधुर धुन के बीच ध्वज चढ़ाया और बिगुल की गूंज के साथ उतारा जाएगा। शोभायात्रा में तुरही व नगाड़ा शामिल होंगे जिनसे अतिथियों का स्वागत होगा। भगवान नरसिंह की महाआरती होने के बाद तुरही व नगाड़ा की आवाज भी गूंजेगी। इस बार शोभायात्रा में पांच ट्रालियां शामिल की जाएंगी जिन पर रंग घोलकर रखा होगा। हर ट्राली पर 15.20 स्वयं सेवक होंगे जो पिचकारियों सें लोगों पर रंगों की बौछार करेंगे।

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