नई दिल्ली। लद्दाख में पैंगॉन्ग सो लेक के दक्षिणी इलाके में भारतीय जवानों से मात खाने बाद चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अब उत्तरी इलाके में अपने सैनिक बढ़ा रही है। यहां नया निर्माण भी किया जा रहा है और ट्रांसपोर्टेशन के साधन जुटाए जा रहे हैं, लेकिन भारतीय सैनिक इस जगह से इतने करीब हैं कि वे चीन की हर हरकत पर नजर रख रहे हैं। इस बीच, भारत और चीन की सेना के बीच बुधवार को 4 घंटे तक ब्रिगेड कमांडर लेवल की बातचीत हुई। सहमति बनी है कि दोनों तरफ से कॉर्प्स कमांडर चर्चा करेंगे।
इस बीच 15 जून को गलवान में हुई झड़प का नया वीडियो सामने आया है। वीडियो साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने जारी किया है। 3 मिनट 25 सेकंड के इस वीडियो में भारत और चीन के सैनिक डंडों से एक-दूसरे पर वार करते दिख रहे हैं। इस झड़प के दौरान कुछ सैनिक पानी में गिर गए। गलवान में हुई झड़प के दौरान 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।
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पैंगॉन्ग का उत्तरी इलाका आठ अलग-अलग फिंगर एरिया में बंटा है। भारत का दावा है कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) फिंगर आठ से शुरू होती है और फिंगर चार तक जाती है। चीनी सेना एलएसी को नहीं मान रही। चीन के सैनिक फिंगर चार के पास डटे हुए हैं। वे फिंगर पांच से आठ के बीच निर्माण कर रहे हैं।
7 सितंबर को दक्षिणी इलाके में चीनी सैनिकों ने भारतीय पोस्ट की तरफ बढ़ने की कोशिश की थी और चेतावनी के तौर पर फायरिंग की थी। यहां पर भारत के सैनिकों ने उन्हें रोक दिया था। इस घटना की तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें चीन के सैनिक भाला, रॉड और धारदार हथियार लिए नजर आए।
भारत ने कहा था कि जब चीनी सैनिकों को उन्होंने अपनी पोस्ट की तरफ आने से रोका तो उन्होंने हवाई फायर भी किए थे। जबकि, इससे पहले चीन कह रहा था कि फायरिंग भारतीय जवानों ने की है। भारतीय जवान इस इलाके की दो अहम चोटियों पर डटे हैं और चीन कई बार भारत को इस पोजिशन से हटाने की कोशिश कर चुका है।