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यूपी में 750 डाटा सेंटर्स की स्थापना करेगा व्यूनाऊ

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Data Center

लखनऊ। डिजिटल दुनिया में व्यवसायों की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए व्यूनाऊ उत्तर प्रदेश में 750 डाटा सेंटर्स (Data Centers) की स्थापना करेगा जिने दो का कर्टर रेसर शुक्रवार को यहां उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने औद्योगिक मंत्री नन्द गोपाल नंदी और मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की मौजूदगी में किया।

पूरी तरह स्वदेशी इस कंपनी के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुखविंदर खरौड़ ने कहा कि प्रदेश के पहले दो डाटा सेंटर (Data Centers) रायबरेली जिले के हरचंदपुर और गाजियाबाद के मोरटा में स्थित हैं। इन सेंटर्स को तेजी से बढ़ती डिजिटल दुनिया में व्यवसायों की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

उन्होने दावा किया कि इन 750 एज डेटा सेंटरों (Data Centers)  के निर्माण से न केवल राज्य में रोजगार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया और डाटा स्थानीयकरण के दृष्टिकोण को भी मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा “ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन और प्रेरणा के तहत ही हम हर ईडीसी पर ईवी चार्जिंग स्टेशन और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं।”

कार्यक्रम में ईडीसी के तकनीकी पहलुओं पर बात करते हुए व्यूनाऊ के निदेशक नितिन श्रीवास्तव ने कहा कि ईडीसी का डिजाइन व आर्किटेक्चर सटीक तरीके से हुआ है। यह एन +1 स्तर की रिडेनेन्डेसी पर काम करता है, जो 8 केवीए प्रति रैक बिजली क्षमता तक के उपयोगकर्ताओं को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी लाभ प्रदान करता है। ऑनलाइन सेवाएं और डिजिटल बुनियादी ढांचे की रीढ़ के रूप में कार्य करने के लिए इसे रणनीतिक तौर पर सही स्थान पर स्थापित किया गया है। मुख्य लॉन्च इवेंट निकट भविष्य में होगा, जब 5 डेटा केंद्रों की एक श्रृंखला चालू हो जाएगी। जिससे उत्तर प्रदेश में ग्राहकों और उपयोगकर्ताओं को लाभ मिलेगा।

उन्होने बताया कि डाटा सेंटर (Data Centers) व्यवसायों की बढ़ती जरूरतों को समायोजित करने के लिए बनाया गया है, जिससे मांग बढ़ने पर निर्बाध स्केलेबिलिटी की अनुमति मिलती है और रिडेनडेन्सी से डाउनटाइम एवं डाटा लॉस का जोखिम कम हो जाता है। इसके अलावा डिजिटल सुरक्षा प्रोटोकॉल से डाटा की सुरक्षा और गोपनीयता की गारंटी है। ऊर्जा की खपत को पर्यावरण के अनुकूल संचालन को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

श्रीवास्तव ने बताया कि इन सेंटर्स में तैनात विशेषज्ञों की एक समर्पित टीम किसी भी मुद्दे को तुरंत और कुशलता से संबोधित करने के लिए चौबीसों घंटे निगरानी और सहायता प्रदान करेगी।

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