गोरखपुर की विजिलेंस टीम ने शुक्रवार को सदर तहसील में तैनात लेखपाल उत्कर्ष चौबे को तहसील परिसर से ही पांच हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) की तैयारी में जुटे युवक द्वारा एसपी विजिलेंस गोरखपुर से की गई शिकायत पर यह कार्रवाई हुई।
गिरफ्तारी के बाद नौ सदस्यीय टीम लेखपाल को लेकर गोरखपुर रवाना हो गई। टीम प्रभारी हरिसेवक शुक्ल ने बताया कि लेखपाल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर नियमानुसार कार्रवाई होगी।
सदर तहसील क्षेत्र के गांव सिरसिया बुजुर्ग टोला कोहड़ा निवासी दीपक उपाध्याय सीआइएसएफ की तैयारी कर रहे हैं। बीते 14 सितंबर को तहसील पहुंच उन्होंने हल्का लेखपाल उत्कर्ष से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षण प्रमाण-पत्र के लिए किए गए आवेदन पर रिपोर्ट लगाने के संदर्भ में वार्ता की।
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आरोप है कि लेखपाल ने इसके लिए उन्हें अपने मुंशी से मिलने को कहा। मुंशी ने प्रमाण-पत्र के नाम पर पांच हजार रुपये की मांग की। आवेदक फिर लेखपाल के पास पहुंचा तो लेखपाल ने खर्च के साथ तहसील बुलाया। उसी दिन दीपक ने इसकी शिकायत एसपी विजिलेंस गोरखपुर से की। एसपी विजिलेंस के निर्देश पर निरीक्षक हरिसेवक शुक्ल के नेतृत्व में नौ सदस्यीय टीम दोपहर में जिला मुख्यालय पहुंची। डीएम से मिलकर दो साक्षी मांगे।
इसके बाद टीम तहसील भवन पहुंची। वहां टीम ने लेखपाल को शिकायतकर्ता द्वारा पांच हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ दबोच लिया। टीम में निरीक्षक शैलेंद्र कुमार राय, जय विजय सिंह, हेड कांस्टेबल ईश्वर यादव, काशी राय, सुभाष चंद्र उपाध्याय, विजयकांत दूबे आदि शामिल रहे।