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विजय राज ने यौन उत्पीड़न के आरोप पर तोड़ी चुप्पी

vijay raj

विजय राज

नई दिल्ली| अभिनेता विजय राज ने खुद पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप पर चुप्पी तोड़ी है। पिछले हफ्ते उनकी आने वाली फिल्म शेरनी के सेट की एक महिला क्रू सदस्य ने उन पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। कोरोनावायरस महामारी के कारण एक लंबे अंतराल के बाद फिल्म की शूटिंग मध्य प्रदेश के बालाघाट में शुरू हुई थी।

इस फिल्म की हिरोइन विद्या बालन हैं। फिल्म की सारी कास्ट और क्रू (फिल्म के अभिनेताओं के अलावा अन्य सदस्य) शूटिंग की लोकेशन से थोड़ी दूर गोंडिया नाम की जगह में एक होटल में रह रहे थे। 2 नवंबर को देर रात गोंडिया पुलिस ने विजय राज को गिरफ्तार किया था। अगली सुबह उन्हें एक स्थानीय न्यायालय ने सशर्त जमानत पर रिहा कर दिया था।

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इसके बाद वह तुरंत मंबई वापस आ गए। 3 नवंबर को उन्हें एबंदांतिया एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से एक ईमेल आया जिसमें इस शिकायत की वजह से, उन्हें फिल्म से अस्थायी रूप से निष्कासित कर दिया गया था। फिल्म के निर्माताओं ने एक आंतरिक शिकायत कमेटी (आईसीसी) का गठन भी किया है। यह कमेटी विजय राज पर लगे लैंगिक शोषण के आरोप की जांच करेगी। अभी तक विजय राज ने इस मामले पर कुछ नहीं कहा था।

अब विजय राज ने बॉम्बे टाइम्स से बातचीत में अपने ऊपर लगे आरोपों के बारे में कहा है, “महिला सुरक्षा सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। मेरी खुद की एक 21 साल की बेटी है इसलिए मैं इसकी जरूरत को बेहतर तरीके से समझता हूं। मैं हर तरह से तहकीकात में मदद करने के लिए तैयार हूं। हालांकि, बिना किसी जांच के मेरी आने वाली फिल्मों से मुझे निष्कासित कर देना, निकाल देना, चौंकाने वाला है। इसे बताने के लिए मेरे पास शब्द नही हैं। ये रहने के लिए खतरनाक जगह है।

इस फिल्म इंडस्ट्री में मैं 23 सालों से काम कर रहा हूं। बहुत मेहनत से मैंने अपना करियर बनाया है। तिनका-तिनका जोड़ के मैंने अपना घर बनाया है। कोई किसी का भी करियर बर्बाद कर सकता है? किसी ने बोल दिया और आपने मान लिया कि मैं एक उत्पीड़क हूं? लोग मजबूर होते हैं कि वे कहानी का दूसरा हिस्सा सुने बगैर ही निर्णय सुना देते हैं। इस केस का निर्णय कुछ भी हो, आप पर एक ठप्पा तो लग ही जाता है। जांच के पहले ही मुझे दोषी करार दे दिया गया है। रोजगार कमाने का मेरा हक बुरी तरह प्रभावित हुआ है। क्या यहां मैं पीड़ित नही हूं? दिल्ली में रह रहे मेरे पिता और मेरी युवा बेटी को भी समाज का सामना करना पड़ता है।”

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