सनातन धर्म में एकादशी पर्व का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह दो एकादशी व्रत आते हैं और इस दौरान भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखा जाता है। मार्च माह की बात की जाए तो पहला एकादशी व्रत 6 मार्च को रखा जाएगा, जिसे विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi ) व्रत कहा जाता है। पौराणिक धर्म ग्रंथों की बात की जाए तो पद्म पुराण और स्कंद पुराण में भी विजया एकादशी व्रत का जिक्र मिलता है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से भक्तों की किसी हार का सामना नहीं करना पड़ता है।
पूजा के दौरान इन बातों की रखें सावधानी
विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi ) पर भगवान विष्णु की पूजा के दौरान पंचामृत का भोग जरूर लगाना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि पंचामृत भगवान विष्णु को अत्यधिक प्रिय है। पंचामृत का भोग लगाने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। जीवन में मुसीबतों का अंत होता है।
इस उपाय से दूर होगा कुंडली में गुरु दोष
विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi ) के दिन भगवान विष्णु को केले का भोग लगाने से कुंडली में गुरु दोष खत्म होता है। जो लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, उन पर देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। देव गुरु बृहस्पति प्रसन्न होते हैं।
केसर की खीर का भोग
भगवान विष्णु को विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi ) के दिन केसर की खीर का भोग भी लगाना चाहिए। खीर को भोग लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि खीर में तुलसी की पत्तियां भी जरूर डाले। इसके बिना भगवान विष्णु को लगाया जाने वाला कोई सा भी भोग अधूरा माना जाता है।
धनिया की पंजीरी का भोग
धनिया की पंजीरी का भोग भगवान कृष्ण को बहुत पसंद है। भगवान कृष्ण को भगवान विष्णु का ही अवतार माना जाता है। भगवान को धनिया की पंजीरी का भोग लगाने के अधूरी मनोकामना पूरी होती है।