कानपुर। दो जुलाई को गैंगस्टर विकास दुबे ने एलान किया था कि पुलिस वाले आ रहे हैं। असलहा इकट्ठा करो। भागना नहीं है। जो गोली नहीं चलाएगा, उसे हम मार देंगे। यह खुलासा पुलिस की पूछताछ में गिरफ्तार किए गए 50 हजार के इनामी शशिकांत ने किया है।
उसने बताया कि थाने से जब विकास के पास दबिश की सूचना आई, उस वक्त करीबी 30 लोग मौजूद थे। कुछ लोग शराब पी रहे थे। खाने का भी इंतजाम था। इतने ही लोग और बुलाए गए। विकास दुबे ने सभी को घर बुलाया और हमले के लिए तैयार किया। विकास ने तुरंत रास्ते में जेसीबी खड़ी करवाई और अलग-अलग टीमें बनाकर तीन छतों पर खड़ा कर दिया। पुलिस के पहुंचते ही अंधाधुंध फायरिंग शुरू हो गई।
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शशिकांत ने बताया कि विकास ने कहा था कि पुलिस को देखकर डरना नहीं है। वो कुछ कर पाएं, इसके पहले ही उन पर गोलियां दागनी शुरू कर देना। यही हुआ भी। जब पुलिस की गाड़ियां रुकी और जैसे ही पुलिसकर्मी नीचे उतरे, तीन तरफ से छतों से गोलियां चलने लगीं।
शशिकांत ने मीडिया के सामने कबूला है कि वह और उसके पिता भी वारदात में शामिल थे और पुलिस वालों की हत्या की। प्रेम प्रकाश को पुलिस ने तीन जुलाई को ही मुठभेड़ में मार गिराया था। पुलिस ने जो इंसास राइफल उसके घर से बरामद की है, उसे भूसे में छिपाया गया था। उसका कहना था कि उसको आशंका थी कि पुलिस भूसे में असलहा नहीं खोजेगी। हालांकि पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो उसने कबूल दिया।