कानपुर। उत्तर प्रदेश पुलिस ने मध्य प्रदेश पुलिस विभाग को पत्र लिखकर यह जानने की मांग की है कि गैंगस्टर विकास दुबे पर घोषित पांच लाख रुपए का इनाम किसे दिया जाना चाहिए। उसे 10 जुलाई को एक मुठभेड़ में मारा गया था। इनाम की घोषणा यूपी पुलिस ने दुबे के ठिकाने की जानकारी देने के लिए की थी। चूंकि दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन में हिरासत में लिया गया था, इसलिए यूपी पुलिस ने यह जानना चाहा है कि इनाम किसे मिलना चाहिए।
उज्जैन एसपी मनोज कुमार सिंह ने गुरुवार को कहा कि हमें कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) से एक पत्र मिला है। उन्होंने विकास दुबे पर घोषित इनाम के बारे में जानकारी दी है और जानना चाहते हैं कि उज्जैन में विकास दुबे को हिरासत में लेने के लिए पुलिस कर्मियों के बीच किसकी भूमिका थी। उन्होंने कहा कि मैंने अतिरिक्त एसपी अमरेन्द्र सिंह, रूपेश द्विवेदी और आकाश भूरिया की एक टीम का गठन किया है, जो पूरे प्रकरण का अध्ययन करेगा और मुझे इनाम के लिए एक रिपोर्ट सौंपेगा। रिपोर्ट के आधार पर मैं एक प्रस्ताव एसएसपी, कानपुर को भेजूंगा।
हत्या, हत्या के प्रयास और अन्य जघन्य अपराधों सहित 60 से अधिक अपराध के मामलों में दुबे आरोपी था। दो जुलाई को उसे गिरफ्तार करने गई आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद वह कानपुर के पास अपने गांव बिकरू से भाग निकला था। उसने हत्या की योजना बनाई थी और एक दर्जन से अधिक लोग इलाके में घरों की छतों पर तैनात थे और वहां पहुंचते ही पुलिस दल पर गोलीबारी शुरू कर दी।
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घटना के बाद दुबे को मध्य प्रदेश पुलिस ने उस वक्त हिरासत में लिया था, जब वह 9 जुलाई को उज्जैन में प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में दर्शन करके बाहर निकल रहा था और बाद में उसे उत्तर प्रदेश पुलिस के हवाले कर दिया गया था। मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने दुबे की नजरबंदी के बाद कहा था कि मंदिर के बाहर फूल बेचने वाले एक दुकान मालिक ने सबसे पहले गैंगस्टर की पहचान की। फिर उन्होंने मंदिर में एक सुरक्षा एजेंसी के गार्ड को सूचित किया, जिसने अपने सहयोगियों को सूचित किया और बाद में उन्होंने मंदिर परिसर में चौकी पर पुलिस कर्मियों को जानकारी दी।
मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने कहा था कि मंदिर के बाहर फूल बेचने वाले एक दुकान मालिक ने सबसे पहले गैंगस्टर की पहचान की। फिर उन्होंने मंदिर में एक सुरक्षा एजेंसी के गार्ड को सूचित किया, जिसने अपने सहयोगियों को सूचित किया और बाद में उन्होंने मंदिर परिसर में चौकी पर पुलिसकर्मियों को जानकारी दी। इसके बाद विकास दुबे को उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर से गिरफ्तार कर लिया गया था।