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विकास दुबे SO से बोला था, ‘इतना बड़ा कांड करूंगा चाहे जिंदगी भर जेल में रहना पड़े’

विकास दुबे SO से बोला

विकास दुबे SO से बोला

कानपुर। गैंगस्टर विकास दुबे ने कहा कि चाहे जिंदगी भर फरारी करनी पड़े या चाहे जीवन भर जेल काटूंगा लेकिन बहुत बड़ा कांड करूंगा। जी हां, ये बात विकास दुबे ने फोन पर एक पुलिस वाले से की थी। अब इसका ऑडियो वायरल हो रहा है। यह बातचीत विकास दुबे के ऊपर मुकदमा लिखवाने से पहले का है। इस ऑडियाे के वायरल होने से यह स्पष्ट हो गया है कि विकास दुबे ने पहले से ही पुलिस वालों को मारने की प्लानिंग तय कर रखी थी।

एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक वायरल ऑडियाे में एक तरफ विकास दुबे है तो दूसरी आवाज चौबेपुर थाने के सस्पेंड एसओ विनय तिवारी की है। घटना के बाद जो STF को मोबाइल बरामद हुआ है उसमें ये आडियो मिला है। सूत्रों के मुताबिक ये आडियो 2 जुलाई से कुछ दिन पहले का है।

इसमें विकास दूबे विनय तिवारी को दरोगा केके शर्मा को लेकर धमकी दे रहा है कि अगर के के शर्मा, चौकी प्रभारी, हल्का उसके यानि विकास के खिलाफ मामला दर्ज करता है तो वो उसे छोड़ेगा नहीं। विकास कहता है कि बहुत हो गया कि चाहे जिंदगी भर फरारी करनी पड़े या जेल जाना पड़े इतना बड़ा कांड करूंगा कि लोग देखते रह जाएगा।

अब यह सवाल उठने लगा है  कि जब विकास ने पहले ही धमकी दी थी तो उसे गंभीरता से लेना चाहिए था

इस ऑडियो के बाद अब यह सवाल उठने लगा है  कि जब विकास ने पहले ही धमकी दी थी तो उसे गंभीरता से लेना चाहिए था। हालांकि एसओ विनय तिवारी को विकास तिवारी से दोस्ती के इन्हीं सब आरोपों के कारण पहने सस्पेंड किया गया फिर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। विनय पर ही आरोप है कि उसने ही मुखबिरी की थी कि पुलिस विकास को पकड़ने आने वाली है। इसके बाद विकास ने अपने साथियों को जुटा लिया। रात तक जब पुलिस पहुंची तो घेर पर उस पर हमला किया गया। जिसमें आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। इस घटना के बाद विकास मोस्ट वांटेंड अपराधी बन गया। यूपी पुलिस ने उस पर 5 लाख का ईनाम रखा था। यूपी पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई। वह मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर में पकड़ा गया। इसके बाद उसे कानपुर लाते समय कार पलट गई और पुलिस के मुताबिक विकास ने पुलिस की बंदूक छीनकर भागने की कोशिश की। इस दौरान उसने पुलिस पर फायरिंग भी की। जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया।

ये हैं विकास दुबे के साथी

बिकरू गांव आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद एफआईआर में विकास दुबे के अलावा अमर दुबे, अतुल दुबे, प्रेम कुमार, प्रभात मिश्रा, बउवा, हीरू, शिवम, जिलेदार, राम सिंह, उमेश चन्द्र, गोपाल सैनी, अखिलेश मिश्रा, विपुल, श्यामू बाजपेई, राजेन्द्र मिश्रा, बाल गोविंद, दयाशंकर अग्निहोत्री शामिल थे। जिसमें अब तक पुलिस विकास दुबे, अमर, अतुल, प्रेम कुमार, प्रभात और बउआ को मुठभेड़ में मार गिराया है। जो बचे हुए अपराधी है उनकी तलाश में एसटीएफ ने बीते दिनों कानपुर देहात, औरैया और झांसी में एक साथ दबिश ऑपरेशन चलाया था। जिसमें एक दर्जन लोगों को उठाकर पूछताछ की मगर उनसे कुछ नहीं मिला। सात लोगों को फिलहाल छोड़ दिया गया है।

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