इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कानपुर के चर्चित बिकरु कांड में मारे गए कुख्यात विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे की फर्जी सिम मामले में सशर्त अंतरिम अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने ऋचा दुबे की ओर से दाखिल अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि यदि याची को गिरफ्तार किया जाता है तो उसे 50000 के निजी मुचलके व दो जमानत पर रिहा कर दिया जाए । मामले के तथ्यों के अनुसार एसआईटी की रिपोर्ट में ऋचा दुबे द्वारा फर्जी आधार कार्ड से सिम खरीदने की बात सामने आई थी। इस आरोप पर उसके खिलाफ चौबेपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में चार्जशीट दाखिल होने के बाद ऋचा दुबे ने अर्जी दाखिल कर अग्रिम जमानत की मांग की।
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सरकारी वकील का कहना था की एडवांस नोटिस के बावजूद उन्हें इस मामले में अभी कोई निर्देश नहीं प्राप्त हुआ है इसलिए जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया जाए। ऋचा दुबे के वकील का कहना था कि यदि समय दिया गया तो पुलिस याची को गिरफ्तार कर लेगी। क्योंकि हाईकोर्ट में शीतकालीन अवकाश हो रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस यदि याची को नहीं गिरफ्तार करती है तो उसे गिरफ्तारी के भय से घर से बाहर रहना होगा। सुनवाई के बाद कोर्ट ने ऋचा दुबे की सशर्त अंतरिम अग्रिम जमानत मंजूर करते हुए मामले को सुनवाई के लिए 27 जनवरी को पेश करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने शर्त रखी है कि ऋचा दुबे पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर संबंधित पुलिस अफसर के समक्ष उपस्थित होगी। वह देश छोड़कर नहीं जाएगी और यदि उसके पास पासपोर्ट है तो एसएसपी के पास जमा करेगी।