नई दिल्ली। Chandrayaan-3 के विक्रम लैंडर को चांद के सतह पर उतरने की आखिरी 100 किलोमीटर की यात्रा खुद करनी है। उसे अपने इंजनों यानी थ्रस्टर्स का इस्तेमाल करके अपनी गति धीमी करनी है। साथ ही ऊंचाई भी कम करनी है।17 अगस्त 2023 की दोपहर विक्रम लैंडर अपने प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हो गया।
अब 18 और 20 अगस्त को होने वाले डीऑर्बिटिंग के जरिए विक्रम लैंडर को 30 किलोमीटर वाले पेरील्यून और 100 किलोमीटर वाले एपोल्यून ऑर्बिट में डाला जाएगा। पेरील्यून यानी चांद की सतह से कम दूरी. एपोल्यून यानी चांद की सतह से ज्यादा दूरी। अब तक की यात्रा प्रोपल्शन मॉड्यूल ने पूरी कराई है. इसके बाद विक्रम को बाकी दूरी खुद तय करनी है.
Chandrayaan-3 Mission:
‘Thanks for the ride, mate! 👋’
said the Lander Module (LM).LM is successfully separated from the Propulsion Module (PM)
LM is set to descend to a slightly lower orbit upon a deboosting planned for tomorrow around 1600 Hrs., IST.
Now, 🇮🇳 has3⃣ 🛰️🛰️🛰️… pic.twitter.com/rJKkPSr6Ct
— ISRO (@isro) August 17, 2023
प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने के बाद विक्रम लैंडर गोलाकार ऑर्बिट में नहीं घूमेगा. वह 30 km x 100 km की अंडाकार ऑर्बिट में चक्कर लगाने के लिए दो बार डीऑर्बिटिंग करेगा। यानी अपनी ऊंचाई कम करेगा। साथ ही गति धीमी करेगा. इसके लिए उसके इंजनों की रेट्रोफायरिंग की जाएगी। यानी उलटी दिशा में घुमाया जाएगा।
कैसे अलग हुआ प्रोपल्शन और लैंडर?
Chandrayaan-3 की लैंडिंग 23 अगस्त को होनी है लेकिन उससे पहले आज का दिन काफी अहम है। इसरो के मुताबिक, गुरुवार को चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन और लैंडर अलग हुए। ऐसी स्थिति में दोनों चांद की कक्षा के 100*100 किमी। रेंज में होंगे, दोनों को कुछ दूरी पर रखा जाएगा ताकि इनमें टक्कर ना हो पाए। जब लैंडर अलग होगा तब वह अंडाकार तरीके से घूमेगा और अपनी गति को धीमा करता जाएगा, धीरे-धीरे यह चांद की ओर बढ़ेगा। 17 अगस्त को ये प्रक्रिया होगी और फिर 18 अगस्त को अभी एक महत्वपूर्ण पल आएगा।
अलग होने के बाद क्या होगा?
जब प्रोपल्शन और लैंडर अलग हो जाएंगे, उसके बाद लैंडर का असली काम शुरू होगा। विक्रम लैंडर तब चांद की 100 किमी। की रेंज में अंडाकार शेप में घूमता रहेगा, इस दौरान उसकी स्पीड कम करने की कोशिश की जाएगी। जब स्पीड हो जाएगी, उसके बाद धीरे-धीरे लैंडर को चांद की ओर भेजा जाएगा और सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू होगी।
आज चंद्रमा पर इतिहास रचेगा Chandrayaan-3, अलग-अलग यात्रा पर निकलेंगे प्रोपल्शन और लैंडर
Chandrayaan-3 से जुड़ी अहम तारीखें:
14 जुलाई 2023: चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च हुआ
1 अगस्त 2023: चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा से बाहर हुआ
5 अगस्त 2023: चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया
16 अगस्त 2023: चांद की कक्षा में आखिरी मैन्युवर पूरा हुआ
17 अगस्त 2023: प्रोपल्शन और लैंडर लैंडिंग से पहले अलग हुए