लखनऊ। लखनऊ में कांग्रेस नेता प्रभात पांडेय (Prabhat Pandey) की मौत के बाद जब उनका शव गोरखपुर के पैतृक गांव पहुंचा तो लोगों का गुस्सा भड़क उठा। स्थानीय लोगों ने ‘कांग्रेस ही हत्यारी है, गला दबाकर मारी है’ जैसे नारे लगाने शुरू कर दिए। उन्होंने राहुल-प्रियंका मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। वहीं, प्रभात पांडेय के अंतिम संस्कार में यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय समेत पार्टी के कई बड़े नेता मौजूद रहे। भारी पुलिस की मौजूदगी में प्रभात का अंतिम संस्कार किया गया।
इस बीच मृतक के चाचा मनीष पांडेय का अहम बयान सामने आया है। बकौल मनीष- ‘घटना वाले दिन उन्हें कांग्रेस कार्यालय से फोन आया कि 2 घंटे से उनका भतीजा प्रभात (Prabhat Pandey) बेसुध पड़ा है। आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।’ मनीष का आरोप है कि जब इतनी देर से प्रभात बेसुध पड़ा था तो उसे पहले क्यों नहीं अस्पताल ले जाया गया।
मृतक के चाचा मनीष पांडेय ने कहा कि वे इस मामले की निष्पक्ष जांच चाहते हैं। उन्होंने अपना बच्चा खो दिया है, जो अब वापस नहीं आएगा। इस पर किसी भी तरह की राजनीति की जरूरत नहीं है। बस न्याय चाहिए। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य लोगों का फोन भी आया था। उन्होंने भी भतीजे की मौत पर सवाल किया कि अगर वह 2 घंटे तक कांग्रेस कार्यालय पर बेहोश था, तो उसे अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया। फिलहाल, अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करा दिया है। पुलिस जांच कर रही है।
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता की मौत, सिविल अस्पताल में जुटी भीड़
फिलहाल, लखनऊ में कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में कांग्रेस नेता प्रभात पांडेय की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। प्रभात दो घंटे तक कांग्रेस दफ्तर में बेहोश पड़ा रहा, जिसके बाद उसे सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। इस घटना के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि कार्यकर्ता की मौत कैसे हुई, इसके लिए जिम्मेदार कौन है। इस बीच मृतक के परिजनों ने हत्या का केस दर्ज करा दिया है।
पार्टी दफ्तर में कांग्रेस नेता की मौत के बाद उठ रहे सवालों पर अब सरकार जांच और एक्शन की तैयार में है। वहीं, इस मामले में फोरेंसिक टीम को जानकारी मिली है कि पार्टी ऑफिस द्वारा ‘सबूत’ मिटा दिए गए हैं। कांग्रेस कार्यालय में जिस जगह पर प्रभात की मौत हुई, वहां पर साफ-सफाई कर दी गई है। फोरेंसिक टीम जब मौके पर पहुंची तो वहां सब कुछ साफ मिला।
इस बीच कांग्रेस नेता प्रभात पांडेय की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ गई है, जिसमें खुलासा हुआ है कि प्रभात के शरीर पर कोई भी चोट के निशान नहीं हैं। दरअसल, कांग्रेस दफ्तर में कार्यकर्ता दो घंटे तक अचेत अवस्था में पड़ा रहा था। वह सिविल हॉस्पिटल में Brought Dead पहुंचा था। ऐसे में सवाल है कि कार्यकर्ता की मौत का जिम्मेदार कौन है, किसकी लापरवाही से समय से इलाज नहीं हो सका?
गौरतलब हो कि कल रात तीन घंटे तक कांग्रेस के लोगों से पूछताछ हुई है। अजय राय से भी पूछताछ होनी है, क्योंकि वे वहां मौजूद थे। DCP सेंट्रल जोन रवीना त्यागी के मुताबिक, कार्यकर्ता की मौत के मामले में परिजनों की तरफ से हत्या का केस दर्ज कराया गया है। वह किन कार्यकर्ताओं के साथ गोरखपुर से यहां आया था। यहां अचेत अवस्था में कैसे मिला, इन सब बातों को लेकर जांच की जा रही है। मृतक का मोबाइल फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। हर बिंदु को लेकर तफ्तीश हो रही है। पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की वीडियोग्राफी कराई गई है।