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भाजपा राज में गांव पूर्णतया उपेक्षित हैं : अखिलेश यादव

akhilesh yadav

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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार का किसानों के प्रति रवैया पूर्णतया अपमानजनक और संवेदनशून्य है। किसान विरोधी तीन कानूनों को रद्द करने तथा एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर चल रहा ऐतिहासिक किसान आंदोलन 10 महीने पूरे कर चुका है। और लगातार उसका स्वरूप और आकार बढ़ता ही जा रहा है।

अखिलेश ने कहा कि अर्थव्यवस्था में ग्रामीण कृषि का प्रथम स्थान आता है। भाजपा राज में गांव पूर्णतया उपेक्षित हैं। खेती-किसानी बर्बाद है। किसान को न तो फसलों का एमएसपी मिल रही है और नहीं किसान की आय दोगुनी करने का वादा निभाया जा रहा है। गन्ना किसानों का 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया है। जब भाजपा सरकार बकाया ही नहीं दे पा रही है तो वह उस पर लगने वाला ब्याज कहां से अदा करेगी?

उन्होंने कहा कि भाजपा की किसान विरोधी नीतियों के चलते कृषि में उपयोग आने वाली चीजें महंगी हो रही है। सिंचाई में काम आने वाला डीजल महंगा हो गया है। बिजली महंगी हो गई है। कीटनाशक, बीज, दवा, खाद सभी मंहगी है। इससे कृषि उत्पादों की लागत स्वभाविक रूप से बढ़ी है जबकि किसान को लागत मूल्य भी फसल बिक्री से नहीं मिल पाता है।

सपा नेता ने कहा कि समाजवादी सरकार के समय कृषि और ग्रामीण विकास के लिए 75 प्रतिशत बजट राशि रखी गई थी। सिंचाई मुफ्त की गई थी। बुवाई से पहले ही यूरिया डीएपी, दवा, कीटनाशक आदि का स्टॉक जमा कर लिया जाता था ताकि समय पर उनका अभाव न हो। भाजपा सरकार न तो बाढ़ में बचाव कर पाती है न किसान को एमएसपी दिला पाती है नहीं उसके उत्पाद के लिए जरूरी चीजों की व्यवस्था कर पाती है।

अखिलेश यादव ने कहा कि किसान आज बुरी तरह आक्रोशित है वह भाजपा सरकार में शोषण और काले कानूनों का शिकार है। भाजपा सरकार उसकी उचित मांगे मानने को भी तैयार नहीं है। अब किसान ऐसी अमानवीय सरकार से निजात पाने को तत्पर हैं। समाजवादी सरकार में ही किसानों के साथ न्याय होगा।

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