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आज शिव व सिद्ध योग में मनाई जाएगी विनायक चतुर्थी, इस काम के बिना व्रत रहेगा अधूरा

Vinayaka Chaturthi

Vinayaka Chaturthi

हर महीने में एक बार विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) व्रत पड़ता है। ये व्रत हर महीने की शुक्ल चतुर्थी तिथि पर रखा जाता है। गणेश जी को समर्पित ये व्रत संतान सुख और लंबी उम्र की कामना के लिए रखा जाता है। इस महीने सावन का विनायक चतुर्थी व्रत 8 अगस्त के दिन रखा जाएगा। अगस्त महीने का विनायक चतुर्थी व्रत शिव, सिद्ध व रवि योग के संयोग में रखा जाएगा। आइए जानते हैं श्रावण विनायक चतुर्थी का शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि, उपाय और चंद्रोदय टाइम-

अगस्त महीने के विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) व्रत पर 2 शुभ योग बन रहे हैं। सिद्ध व शिव योग को अधिकांश कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। इन दोनों योग में किसी भी कार्य को करने में सफलता मिलती है। शिव योग दोपहर 12:39 बजे तक रहेगा, जिसके बाद सिद्ध योग का निर्माण होगा, जो अगले दिन दोपहर 1:46 तक रहेगा। पंचांग के अनुसार, सिद्ध योग का अर्थ है निपुण व स्वामी हैं कार्तिकेय। वहीं, शिव योग के अर्थ स्वयं भगवान शिव (पवित्रता) हैं और स्वामी मित्र हैं।

श्रावण विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) शुभ मुहूर्त

श्रावण, शुक्ल चतुर्थी प्रारम्भ- 10:05 पी एम, अगस्त 07
श्रावण, शुक्ल चतुर्थी समाप्त- 12:36 ए एम, अगस्त 09
अवधि- 02 घण्टे 40 मिनट्स
शुभ समय- 11:07 ए एम से 01:46 पी एम
रवि योग- 05:47 ए एम से 11:34 पी एम
अभिजित मुहूर्त- 12:00 पी एम से 12:53 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 07:06 पी एम से 07:28 पी एम

श्रावण पूजा-विधि

1- भगवान गणेश जी का जलाभिषेक करें

2- गणेश भगवान को पीले पुष्प, फल चढ़ाएं और पीला चंदन लगाएं

3- मोदक का भोग लगाएं

4- श्रावण विनायक चतुर्थी व्रत की कथा का पाठ करें

5- ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें

6- पूरी श्रद्धा के साथ गणेश जी की आरती करें

7- चंद्रमा के दर्शन करें और अर्घ्य दें

8- व्रत का पारण करें

9- क्षमा प्रार्थना करें

चांद निकलने का टाइम

दृक पंचांग के अनुसार, 8 अगस्तको 08:59 ए एम पर चंद्रोदय होगा। हालांकि, अलग-अलग शहरों में चांद निकलने के समय में थोड़ा अंतर हो सकता है। चंद्र दर्शन और पूजा के बाद ही व्रत सम्पूर्ण माना जाता है।

मंत्र- ॐ गणेशाय नमः

उपाय- पूजा के उपरांत चन्द्र देव को दूध का अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय व्रती अपनी निगाहें नीचे रखती हैं और गणेश जी के मन्त्रों का जाप कर खुशहाली की कामना करती हैं। गणेश जी की पूजा के समय अगर पति-पत्नी साथ बैठकर ‘ॐ वक्रतुण्डाय नमः मंत्रोच्चारण का जाप करते हैं, तो वह काफी शुभकारी माना जाता है।

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