कानपुर। जिले में शुक्रवार को जुमे की नमाज के तुरंत बाद परेड, नयी सड़क और यतीमखाना समेत कई इलाकों में हिंसा (Violence) भड़क गई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जुमे की नमाज के बाद दो समुदायों के सदस्य आमने-सामने आ गए और उन्होंने एक-दूसरे पर ईंटों से पथराव किया। उन्होंने कहा कि इस दौरान गोलीबारी भी हुई। उन्होंने बताया कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हाल ही में टीवी पर बहस के दौरान भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर नाराज थे और इसी के विरोध में वो इलाके की दुकानें बंद कराने का प्रयास कर रहे थे।
पुलिस ने बताया कि कथित तौर पर दुकानदारों पर अपने शटर बंद करने के लिए दबाव बना रहे लोग पुलिसकर्मियों से भिड़ गए। उन्होंने बताया कि बाद में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। अधिकारी ने कहा बताया कि एमएमए जौहर फैन्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी सहित कुछ स्थानीय नेताओं ने शुक्रवार को दुकानों को बंद करने का आह्वान किया था।
उन्होंने बताया कि इन नेताओं ने पैगंबर मोहम्मद के कथित अपमान के खिलाफ जुलूस निकाला था और इस दौरान वे अन्य समुदाय के सदस्यों से भिड़ गए। उन्होंने बताया कि इस दौरान हुई झड़पों में कई लोग घायल हुए हैं जिनमें आधा दर्जन से अधिक गंभीर रूप से घायल हैं।
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कानपुर की डीएम नेहा शर्मा ने पीटीआई-भाषा को बताया कि एक समुदाय विशेष के सदस्य विरोध में सड़क पर उतर आए और हिंसा में शामिल हो गए। कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें चिकित्सा सहायता के लिए भेजा गया। प्रभावित क्षेत्रों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
उन्होंने बताया कि स्थिति पर कड़ी निगरानी रखने और आगे हिंसा न हो यह सुनिश्चित करने को लेकर सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जांच शुरू कर दी गई है और कई लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक हिंसा के सही कारणों की पुष्टि नहीं हुई है।