वाराणसी। लड़का इतनी भी बड़ी गलती नहीं किया था। लड़की का जबरदस्ती उस लड़के के गले पड़ कर उसे बेइज्जत करने का प्लान था। इसमें पुलिस विभाग के लोग उसके सहयोगी थे। लड़की पीड़ित नहीं थी और वह लड़के को फंसाने की साजिश कर रही थी। यह वायरल वीडियो में देखा जा सकता है। ये बातें चंदौली से समाजवादी पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह (Virendra Singh) ने शनिवार को लंका थाने के होमगार्ड शारदा सोनकर के सब्जी-फल विक्रेता बेटे विशाल सोनकर की मौत के संबंध में कहीं। सांसद सपा के 13 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल के साथ विशाल सोनकर के परिजनों से मिलने पहुंचे थे।
सपा नेताओं (Virendra Singh) ने विशाल के पिता शारदा सोनकर को ढांढ़स बंधाया और उन्हें न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया। सांसद वीरेंद्र सिंह ने कहा कि पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हम लोगों को यहां भेजा है। यह अत्याचार भारतीय जनता पार्टी के राज में हो रहा है।
मामले की जांच राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग से कराई जानी चाहिए। पुलिस के अधिकारी कभी पुलिस कर्मियों की निष्पक्ष जांच नहीं करेंगे। विशाल सोनकर के परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए। समाजवादी पार्टी की तरफ से पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
12वीं में पढ़ने वाली जिस छात्रा ने विशाल सोनकर को दो थप्पड़ मारे थे, उसका कहना है कि स्कूल जाने के दौरान फल विक्रेता उस पर अकसर भद्दी टिप्पणी करता था। मैं, साइकिल से जा रही थी। विशाल ने गत बुधवार की सुबह भी टिप्पणी की थी।
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इस पर उसने अपनी साइकिल रोक दी। पूरी घटना सीसीटीवी में कैद है। विशाल के बर्ताव से आहत होकर रो रही थी, तभी पुलिसकर्मी मदद के लिए आगे आए। जो कुछ हुआ, पुलिस और लोगों के सामने हुआ है। सपा नेताओं को यह भी देखना चाहिए। अगर कोई उनकी बेटी के साथ ऐसा करे तो वो क्या करेंगे। क्या पुलिस के पास नहीं जाएंगे। शिकायत नहीं दर्ज कराएंगे।
ये था मामला
नगवां में किराये पर कमरा लेकर विशाल सोनकर (20) रहता था। गत बुधवार को रविदास पार्क के सामने गंगा में डूबने से उसकी मौत हो गई थी। पिता शारदा सोनकर का आरोप था कि मॉर्निंग वॉक के लिए सादे कपड़ों में निकले लंका थानाध्यक्ष के सामने एक पुलिस कर्मी ने उसके बेटे विशाल को थप्पड़ मारा था। इसके बाद एक स्कूली छात्रा ने उसके बेटे को दो थप्पड़ मारे थे। इससे आहत होकर विशाल ने गंगा में कूदकर जान दे दी थी।