Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

वर्चुअल सुनवाई की बात नयी नहीं, महाभारत में भी हुआ है इसका इस्तेमाल : SC

सुप्रीम कोर्ट

वर्चुअल सुनवाई की बात नयी नहीं, महाभारत में भी हुआ है इसका इस्तेमाल : SC

नयी दिल्ली। “वर्चुअल सुनवाई कोई नयी बात नहीं है। हमने इसके बारे में महाभारत में भी सुना है।” उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को यह टिप्पणी उस वक्त की जब थी।अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मथुरा जेल में बंद डॉ. कफील खान की याचिका पर सुनवाई हो रही

मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने डॉ. कफील की हिरासत के मामले में उसकी मां नुज़हत परवीन की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय को संबंधित मामले का निपटारा 15 दिनों के भीतर करने का आदेश दिया।

लखनऊ : सोशल मीडिया पर भड़काऊ वीडियो पोस्ट करने वाले दो गिरफ्तार

मुख्य न्यायाधीश ने जब यह निर्देश दिया तो याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने उनसे आग्रह किया कि वह अपने आदेश में वीडियाे कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई का जिक्र जरूर कर दें। इस पर न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा, “उन्हें किसी भी प्रकार सुनवाई करने दीजिए। इसका मतलब वीडियो (कांफ्रेंसिंग) भी है। आप भी उसी तरह से पेश हो रही हैं।”

मुख्य न्यायाधीश ने आगे हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, “वर्चुअल सुनवाई नयी बात नहीं है। हमने महाभारत काल में भी ऐसी घटना के बारे में सुना है।’’ इस पर सुश्री जयसिंह ने मुस्कुराते हुए कहा, “मैं उस बारे में तो नहीं जानती, लेकिन महामारी के दिनों के बारे में जानती जरूर हूं।” न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा, “नहीं, नहीं। इस प्रकार की पेशी संजय ने की थी।’’

अयोध्या में मस्जिद के लिए मिली जमीन पर राजा दशरथ के नाम पर बने अस्पताल : मुनव्वर राना

गौरतलब है कि डॉ. कफील को 10 फरवरी को जमानत मिल गयी थी, लेकिन उसे रिहा नहीं किया गया, बल्कि उसके ऊपर तीन दिन बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाये गये। डॉ. कफील को पहले अलीगढ़ जेल में रखा गया था, लेकिन बाद में उसे मथुरा जेल भेज दिया गया है।

Exit mobile version