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सर्वार्थ सिद्धि योग से हुआ वैशाख मास का प्रारंभ, इस शुभ दिन होगा समाप्त

Vaishakh Month

Vaishakh Month

हिंदू नववर्ष के दूसरे माह वैशाख (Vaishakh) की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग और कौलव करण के साथ हुई। इस मास का जिक्र स्कंद पुराण में हैं। इस मास में भगवान विष्णु, परशुराम जी और देवी दुर्गा की उपासना की जाती है। इस मास का धार्मिक और आध्यात्मिक के साथ पर्यावरणीय महत्व भी है। इस मास का आरंभ शुभ सर्वार्थ सिद्धि योग से हो रहा है। वैशाख मास (Vaishakh Month) बुद्ध पूर्णिमा के दिन 23 मई को विशेष योग के साथ खत्म होगा।

वैशाख मास (Vaishakh Month) का आध्यात्मिक, धार्मिक और अध्यात्मिक महत्व है। इसे माधव मास भी कहा जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, विद्याओं में वेद विद्या, मंत्रों में प्रणव, पेड़ों में कल्पवृक्ष, धेनुओं में कामधेनु, देवताओं में विष्णु, वर्णों में ब्राह्मण उसी तरह वैशाख के समान दूसरा कोई मास नहीं है। इस साल में आम, पंखें, अन्न और फलदान करना श्रेष्ठ होता है।

वैशाख मास (Vaishakh Month) का अध्यात्म महत्व

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, वैशाख संयम, अध्यात्म और अंहिसा का भी मास है। इस मास में गर्मी ज्यादा होती है। इस दौरान देवता जल में रहते हैं। ऐसे में जो व्यक्ति प्याऊ लगवाता है। वह देवी-देवता और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करता है।

वैशाख मास में ऋतु परिवर्तन और सूरज की तपन बढ़ती है। इस मास में जानवरों और पक्षियों को दाना-पानी रखने की परंपरा है। साथ ही जलदान करने की जातक को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

वैशाख मास (Vaishakh Month) के प्रमुख त्योहार एवं व्रत

4 मई- वरुथिनी एकादशी

5 मई- प्रदोष व्रत

6 मई- मासिक शिवरात्रि

8 मई- वैशाख अमावस्या

10 मई- अक्षय तृतीया, परशुराम जयंती

11 मई- विनायक चतुर्थी

14 मई- गंगा सप्तमी

17 मई- सीता नवमी

19 मई- मोहिनी एकादशी

23 मई- वैशाख पूर्णिमा व्रत

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