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सावन के महीने में करें शिव के इन चमत्कारी मंदिरों के दर्शन

Shiva

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सावन (Sawan) के पवित्र महिना आज से शुरू हो गया है। सावन का यह महीना भोलेनाथ शिव (Shiva) को समर्पित हैं। भगवान शिव की कृपा से व्यक्ति को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता हैं। भक्तगण सावन (Sawan) के इन पवित्र दिनों में शिव के प्रसिद्द मंदिरों के दर्शन करने की चाह रखते हैं। देशभर में शिव के कई ऐसे मंदिर हैं जो चमत्कारी हैं और वहां भक्तों का तांता लगा रहता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको देश के कुछ प्रसिद्द शिव मंदिरों की जानकारी देने जा रहे हैं जो धार्मिक प्रेमी हो या इतिहास प्रेमी सभी को पसंद आते हैं। आइये जानते हैं इन चमत्कारी शिव मंदिरों (Shiva Temple) के बारे में…

अमरनाथ मंदिर

जम्मू-कश्मीर में स्थित अमरनाथ मंदिर हिंदुओं का प्रमुख तीर्थ स्थ्ज्ञल है और यहां दर्शन करना बहुत ही पुण्यदायी माना गया है। यह मंदिर एक गुफा के रूप स्थित है। पवित्र गुफा में बर्फ से प्राकृतिक शिवलिंग का निर्मित होना है। प्राकृतिक बर्फ से निर्मित होने के कारण इसे स्वयंभू बर्फ का शिवलिंग भी कहते हैं यह शिवलिंग लगभग 10 फुट ऊचा बनता है। आषाढ़ पूर्णिमा से शुरू होकर रक्षाबंधन तक पूरे सावन महीने में होने वाले पवित्र हिमलिंग दर्शन के लिए लाखो लोग यहां आते है। चन्द्रमा के घटने-बढ़ने के साथ-साथ इस बर्फ का आकार भी घटता-बढ़ता रहता है। श्रावण पूर्णिमा को यह अपने पूरे आकार में आ जाता है और अमावस्या तक धीरे-धीरे छोटा होता जाता है। मूल अमरनाथ शिवलिंग से कई फुट दूर गणेश, भैरव और पार्वती के वैसे ही अलग अलग हिमखंड हैं।

केदारनाथ

केदारनाथ को जागृत महादेव भी माना जाता है, दरअलस यहां कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं,जिसके चलते यहां भगवान शिव की मौजूदगी मानी जाती है। दरअसल हिमालय की बर्फीली पहाड़ियों के बीच स्थित केदारनाथ मंदिर भगवान शिव के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में गिना जाता है, जहां सिर्फ देश नहीं बल्कि विश्व भर से श्रद्धालुओं का आगमन होता है। यह मंदिर भोलेनाथ के 12 सबसे ज्योतिर्लिंगों में भी शामिल है। इसके अलावा भगवान शिव का यह भव्य मंदिर भारत की प्रसिद्ध चार धाम यात्रा में भी गिना जाता है। यह मंदिर राज्य के रूद्रप्रयाग जिले में स्थित है। केदारनाथ के संबंध में लिखा है कि जो व्यक्ति केदारनाथ के दर्शन किये बिना बद्रीनाथ की यात्रा करता है, उसकी यात्रा निष्फल जाती है और केदारनापथ सहित नर-नारायण-मूर्ति के दर्शन का फल समस्त पापों के नाश पूर्वक जीवन मुक्ति की प्राप्ति बतलाया गया है। बता दें कि सर्दियों के दौरान मंदिर के द्वार बंद हो जाते हैं, लेकिन अप्रैल से नंवबर के बीच बाबा केदारनाथ के दर्शन किए जान सकते हैं।

सोमनाथ मंदिर

कहा जाता है कि केदारनाथ में बाद भारत में सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध शिव मंदिरों में से एक है गुजरात का सोमनाथ मंदिर। कई लोगों का मानना है कि भगवान शिव को समर्पित 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है सोमनाथ मंदिर। चन्द्रदेव का एक नाम सोम भी है। उन्होंने भगवान शिव को ही अपना नाथ-स्वामी मानकर यहां तपस्या की थी इसीलिए इसका नाम ‘सोमनाथ’ हो गया। भारत के प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिरों में शामिल सोमनाथ मंदिर करोड़ों भारतीय और विदेशी शिव भक्तों के लिए प्रतिष्ठित और पवित्र मंदिर है। समुद्र के किनारे स्थित यह शिव मंदिर चालुक्य शैली वास्तुकला का एक बेजोड़ नमूना माना जाता है। अगर आप गुजरात और उसके आप घूमने के लिए जा रहे हैं, तो आपको सोमनाथ मंदिर ज़रूर पहुंचना चाहिए।

बैजनाथ मंदिर

भगवान शिव के प्रसिद्ध मंदिरों में आप बैजनाथ मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। यह एक प्राचीन मंदिर है जो गोमती नदी के तट पर स्थित है। जानकारी के अनुसार इस मंदिर का निर्माण 1204 ईस्वी में अहुका और मन्युका नाम के दो व्यापारियों ने करवाया था। मंदिर की वास्तुकला देखने लायक है, यहां की दीवारों पर की गई नक्काशी काफी ज्यादा आकर्षित करती है। शिवलिंग मंदिर के मुख्य स्थल(गर्भगृह) में स्थित है। मंदिर के अदंर आपको शिलालेख भी दिखाई देंगे। इसके अलावा आप यहां की दीवारों पर उकेरी गई प्रतिमाओं को भी देख सकते हैं।

जागेश्वर महादेव

उत्तराखंड में अल्मोड़ा के पास स्थित जागेश्वर धाम भगवान सदाशिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। कहा जाता है कि यह प्रथम मंदिर है जहां-लिंग के रूप में शिवपूजन की परंपरा सर्वप्रथम आरंभ हुई। जागेश्वर को उत्तराखंड का पांचवां धाम भी कहा जाता है। जागेश्वर धाम को भगवान शिव की तपस्थली माना जाता है। यह ज्योतिर्लिंग आठवां ज्योतिर्लिंग माना जाता है। इसे योगेश्वर नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर शिवलिंग पूजा के आरंभ का गवाह माना जाता है। यह भी मान्यता है कि भगवान श्रीराम के पुत्र लव-कुश ने यहां यज्ञ आयोजित किया था, जिसके लिए उन्होंने देवताओं को आमंत्रित किया। कहा जाता है कि उन्होंने ही सर्वप्रथम इन मंदिरों की स्थापना की थी। यह भी माना जाता है कि यहीं से दुनिया में शिव विग्रह यानि शिवलिंग की उत्पत्ति के साथ ही इसकी पूजा शुरु हुई।

महाकालेश्वर मंदिर

मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में स्थित महाकालेश्वर मंदिर मध्य प्रदेश के साथ-साथ पूरे भारत के लिए सबसे प्रसिद्ध और सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है। केदारनाथ, सोमनाथ के अलावा महाकालेश्वर मंदिर को भी भारत में मौजूद 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों से में एक माना जाता है। इस मंदिर की पवित्रता को देखते हुए कई लोग उज्जैन को महाकाल की नगरी से भी संबोधित करते हैं। इस मंदिर को लेकर एक मिथक ये है कि यहां मुर्दे की भस्म से महाकाल का शृंगार किया जाता है। अगर आप उज्जैन घूमने के लिए जा रहे हैं, तो इस महाकाल नगरी में घूमने के लिए ज़रूर पहुंचें।

काशी विश्वनाथ मंदिर

भारत में स्थापित 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है काशी विश्वनाथ मंदिर। वाराणसी में स्थित सबसे पवित्र मंदिरों में से के एक है। कहा जाता है कि महाशिवरात्री के दिन यहां के अन्य मंदिरों से शोभा यात्रा, ढोल नगाड़े आदि के साथ बाबा विश्वनाथ जी के मंदिर तक जाती है। इस मंदिर को लेकर यह मान्यता है कि जो कशी विश्वनाथ में अपनी जीवन का अंतिम सांस लेता है, वो पुनर्जन्म के चक्र से मुक्त हो जाता है। वैसे यहां सामान्य दिनों में भी काशी विश्वनाथ जी की हर शाम आरती की जाती है। धार्मिक मंदिरों के चलते वाराणसी को पूरे भारत में सबसे लोकप्रिय और प्राचीन मंदिरों के लिए जाना जाता है।

अन्नामलाई मंदिर

आदि अन्नामलाई मंदिर तिरुवन्नमलई सबसे पुराना मंदिर माना गया है। अरुणाचलेश्वर मंदिर का निर्माण को लगभग 2000 साल पुराना माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि आरंभ में यह मंदिर साधारण सी लकड़ी से बना था, जिसमें विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियाँ स्थापित थी। बाद में गोपुरम जोड़े गए और ईंटों व पत्थरों से एक मंदिर बनाने के लिए इस लकड़ी की संरचना को नीचे लाया गया था। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर कर वर्तमान स्वरूप 1200 सालों से अस्तित्व में है।

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