नई दिल्ली। चीनी मोबाइल कंपनी वीवो के इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के अगले एडिशन में लीग स्पॉन्सर होने के विवाद पर आज विराम लग गया। अब वीवो लीग स्पॉन्सर नहीं होगी।
खबर आ रही है कि आईपीएल 2020 के लिए वीवो कंपनी ने स्पॉन्सरशिप टाइटल से अपना नाम वापस ले लिया है। वीवो सिर्फ इस वर्ष के लिए आईपीएल 2020 के स्पॉन्सरशिप टाइटल से हटा है।
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पहले ऐसी खबर आई थी कि आईपीएल 2020 की सभी फ्रेंचाइजी ने भी वीवो को हटाए जाने की बात कही है। वीवो कंपनी को स्पॉन्सरशिप टाइटल के लिए इस वर्ष 440 करोड़ देने थे। अगर वीवो के स्पॉन्सरशिप से हटने की बात सही निकली तो बीसीसीआई के सामने नए टाइटल स्पॉन्सरशिप को ढूंढना मुश्किल हो सकता है।
दरअसल जून में पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई भिड़ंत के बाद से ही कई लोगों ने चीनी सामानों का बहिष्कार करने की बात कही थी। इसके अलावा आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने जब स्पॉन्सर रिटेन करने की बात कही थी, तो भी सोशल मीडिया पर लोगों ने इस पर विरोध जताया था।
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी चीनी मोबाइल कंपनी के स्पॉन्सर बने रहने पर सोमवार को विरोध जताया। इसके एक दिन बाद ही वीवो के स्पॉन्सरशिप से हटने की खबर सामने आई। सोमवार शाम आईपीएल के सात फ्रेंचाइजी को सूचित किया गया है कि वीवो इंडिया कम से कम इस वर्ष के लिए स्पांसरशिप से बाहर होने की कगार पर है।
दरअसल रविवार को आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने आईपीएल में चाइनीज मोबाइल कंपनी की स्पांसरशिप जारी रखने का ऐलान किया, जिस वजह से आलोचना शुरू हुई। उधर, सोशल मीडिया पर लोग क्रिकेट लीग का बहिष्कार करने की अपील कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि चीनी मोबाइल फोन निर्माता कंपनी वीवो इस टी-20 लीग की ‘टाइटलÓ प्रायोजक है। वीवो ने पांच साल के इस करार के लिए बीसीसीआई को 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया है।