उत्तर प्रदेश में गांव की सरकारों के मुखिया चुने जाने के बाद अब जिलों का नम्बर है। प्रदेश में आज जिलों की सरकार के मुखिया यानी जिला पंचायत अध्यक्षों का चुनाव होगा। इसके लिए 53 जिलों में जिला पंचायत सदस्य मतदान के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे हैं। सभी जिलों में त्रिस्तीय सुरक्षा के बीच सभी सदस्यों को रखा गया है। मतदान केंद्र पर भी सुरक्षा बल तैनात हैं।
प्रदेश के 75 जिलों में से 22 में निर्विरोध चुनाव होने के बाद अब बचे 53 जिलों में दिन में 11 बजे से जिला पंचायत सदस्य अपने जिले का अध्यक्ष चुनने के लिए मतदान कर रहे हैं। राजधानी लखनऊ सहित सभी 53 जिलों में कलेक्ट्रेट में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है। तीन बजे तक मतदान के बाद पांच बजे तक परिणाम घोषित होंगे। प्रदेश में जिन 22 जिलों में निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए हैं, उनमें 21 भाजपा के जिला पंचायत अध्यक्ष हैं।
जिला पंचायत सदस्यों के पैरों में गिरे पूर्व सपा सांसद, जानें पूरा मामला
इटावा में समाजवादी पार्टी ने अपना गढ़ बचाने में सफलता प्राप्त की है। प्रदेश में आज भी जिन 53 जिलों में अध्यक्ष चुनने के लिए मतदान होना है, उनमें भी अधिकांश में भारतीय जनता पार्टी की समाजवादी पार्टी से सीधी टक्कर है। इन सभी 53 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के प्रत्याशी आज तक लगातार जिला पंचायत सदस्यों के सम्पर्क में हैं। अधिकांश तो सुबह से ही पूजा-पाठ कर मतदान के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में मतदान के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। भारी पुलिस बल के साथ ही पुलिस-प्रशासन के बड़े अफसर मौजूद रहेंगे। मतदान की निष्पक्षता पर नजर रखने के लिए प्रेक्षक भी पहुंच गए हैं। पूरी मतदान प्रक्रिया वीडियो कैमरों की निगरानी में होगी।
बरेली में चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी का हंगामा
बरेली में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए जिलाधिकारी कार्यालय के कक्ष संख्या 11 में मतदान चल रहा है। भाजपा के 14 व समाजवादी पार्टी के चार सदस्य वोट डाल चुके। इस बीच गेट पर सपा जिलाध्यक्ष व कार्यकर्ताओं ने गेट पर6 हंगामा शुरू कर दिया। आरोप है कि पुलिस ने अंदर जा रहे उनके नेताओं से अभद्रता की है।
53 जिलों में कुल 116 उम्मीदवार मैदान में
उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव हैं, ऐसे में जिला पंचायत के चुनाव परिणामों को प्रदेश की सत्ता के सेमीफाइनल की तरह लिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के अधिकतर जिलों में भाजपा व समाजवादी पार्टी के बीच सीधा मुकाबला है। जिला पंचायत अध्यक्ष की 53 जिलों में कुल 116 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें 46 जिलों में दो-दो उम्मीदवार होने के कारण इनके बीच सीधा मुकाबला होगा। इनमें भी अधिकांश में भाजपा व समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आमने-सामने हैं। चार सीटों पर त्रिकोणीय चुनाव होगा जबकि तीन सीटें ऐसी हैं जिनमें चार-चार उम्मीदवार चुनाव मैदान डटे हैं। चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी तथा समाजवादी पार्टी के बीच चल रही रस्साकशी अपने चरम पर पहुंच चुकी है।
इन जिलों में होगा चुनाव
मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, हापुड़, बिजनौर, रामपुर, संभल, बरेली, बदायूं, अलीगढ़, हाथरस, एटा, कासगंज, मथुरा, फीरोजाबाद, मैनपुरी, कानपुर नगर, फर्रुखाबाद, कन्नौज, औरैया, कानपुर नगर, कानपुर देहात, जालौन, महोबा, हमीरपुर, फतेहपुर, कौशाम्बी, प्रयागराज, प्रतापगढ़, रायबरेली, उन्नाव, हरदोई, लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, अमेठी, बाराबंकी, सुलतानपुर, अंबेडकर नगर, अयोध्या, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर, महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, आजमगढ़, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, जौनपुर, भदोही, मीरजापुर व सोनभद्र।
लखनऊ में केवल 120 सिटी बसें ही रूटों पर चल रही हैं।सूबे के 75 जिलों में से 22 के जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं। 29 जून को नाम वापसी की अवधि गुजरते ही सभी के चुने जाने की घोषणा कर दी गई। निर्विरोध चुने गए अध्यक्षों में जहां 21 भाजपा के हैं वहीं एक मात्र इटावा के जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी ही सपा के हाथ लगी है। शेष 53 जिलों के अध्यक्ष पद के लिए तीन जुलाई को मतदान होगा। तीन बजे तक मतदान के ठीक बाद मतों की गणना शुरू कर उसी दिन परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।
18 जिलों में पहले ही एक-एक नामांकन
राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि पीलीभीत, शाहजहांपुर, सहारनपुर व बहराइच के एक-एक प्रत्याशी द्वारा नाम वापस लेने से इन जिलों में एक- एक प्रत्याशी हैं। इन चारों जिलों के अध्यक्ष निर्विरोध चुन लिए गए हैं। 18 जिलों में पहले ही एक-एक नामांकन हुआ था। ऐसे में नाम वापसी की समय सीमा बीतने के बाद सभी संबंधित जिलों के अध्यक्ष भी निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिए गए। इनमें मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अमरोहा, मुरादाबाद, आगरा, इटावा, ललितपुर, झांसी, बांदा, चित्रकूट, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, गोरखपुर, मऊ व वाराणसी जिले शामिल हैं।