लखनऊ। 17 साल पहले वाराणसी (Varanasi) में होली पर बम की साजिश रचने आरडीएक्स, डेटोनेटर एवं विदेशी पिस्टल के साथ गिरफ्तार किए गए आतंकी वलीउल्लाह (Waliullah ) को दो अलग-अलग आरोपों में एनआईए कोर्ट ने आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। एनआईए के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने वलीउल्लाह को बुधवार को इस मामले में दोषी ठहराया था।
बृहस्पतिवार को अभियोजन की ओर से सरकारी वकील एमके सिंह ने वलीउल्लाह (Waliullah ) कड़ी सजा दिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि वलीउल्लाह बहुत ही खतरनाक आतंकी है, जिसके बांग्लादेशी आतंकियों और जैश ए मोहम्मद की शाखा हरकत उल जिहाद अल इस्लामी से भी संबंध है।
सरकारी वकील ने कोर्ट में बताया कि वलीउल्लाह (Waliullah ) ने वाराणसी के विश्व प्रसिद्ध संकट मोचन मंदिर, दशाश्वमेध घाट एवं वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन में सीरियल बम विस्फोट किया था। जिसमें 18 लोगो की मौत हो गई थी तथा 76 लोग घायल हुए थे।
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इस मामले में गाजियाबाद कोर्ट पहले ही उसे मृत्युदंड की सजा सुना चुकी है। वहीं आरोपी की ओर से उसे कम से कम सजा दिये जाने की मांग करते हुए कहा गया कि उसकी उम्र काफी ज्यादा हो चुकी है और साथ ही वह इस मामले में 17 वर्षों से जेल में है।