उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) में तैनात सिपाही के नाम पर एक दूसरा व्यक्ति पीएसी में नौकरी कर रहा था। इस सनसनीखेज मामले का खुलासा तब हुआ जब एसटीएफ के सिपाही के पास एलआईसी हाउसिंग से दस्तावेज की कॉपी जमा करने के लिए फोन आया।
मामले की जानकारी होने पर एसटीएफ में तैनात सिपाही ने विभूति खंड थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है। पुलिस इस पूरे फर्जीवाड़े की जांच कर रही है। जानकारी के मुताबिक एसटीएफ में तैनात सिपाही मनीष कुमार सिंह को इस बात की जानकारी तब हुई जब उनके पास एलआईसी हाउसिंग से फोन आया कि लोन के लिए अपने दस्तावेज की कॉपी जमा कर दें। यह सुनकर मनीष कुमार चौंक गए। मनीष पहले ही लोन ले चुके थे। इसकी जानकारी करने मनीष कुमार सिंह एलआईसी के दफ्तर पहुंचे तब जानकारी मिली कि उन्हीं के नाम पर एक व्यक्ति पीएसी में भी नौकरी कर रहा है।
मनीष कुमार ने जब इस संबंध में अपने स्तर पर पड़ताल की तो पाया कि वह व्यक्ति पूरी तरीके से फर्जी है। इसके बाद मनीष ने विभूति खंड थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है। मामला दर्ज कर पुलिस जांच में जुट गई है। डीसीपी गोमतीनगर संजीव सुमन ने इस संबंध में बताया कि पीएसी में जो सिपाही तैनात है और उसने नौकरी के समय जो कागजात लगाए हैं, वे बलिया के रहने वाले मनीष कुमार के ही हैं। डीसीपी के मुताबिक उसके माता-पिता के नाम, पैन कार्ड, जन्म तिथि और गृह जिला, सभी मनीष के ही लिखे हैं। इसकी रिपोर्ट बनाकर संबंधित विभाग को भेज दी गई है।
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डीसीपी ने कहा कि आगे की कार्यवाही की जा रही है। आरोपी को गिरफ्तार भी किया जाएगा। मनीष कुमार ने कहा कि उसने अपने और पीएसी में ड्यूटी कर रहे सिपाही के पिता का नाम यूपी पुलिस के ऑनलाइन रोल पर चेक किया तो फर्जीवाड़े की पुष्टि हो गई। एसटीएफ के डिप्टी एसपी अवनीश्वर चन्द्र श्रीवास्तव ने इस प्रकरण की जांच करते हुए पीएसी में तैनात सिपाही को बुलाकर पूछताछ की तो उसने जुर्म स्वीकार कर लिया और बताया कि उसका असली नाम अमित है। वह बदायूं से भर्ती हुआ था।