शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने सनातन धर्म अपना लिया है। इसके साथ ही उनका नाम भी बदल गया है। वसीम रिजवी का नया नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी होगा।
इस्लाम छोड़कर हिन्दू बनने के बाद जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (वसीम रिजवी) ने कहा, ”धर्म परिवर्तन की यहां कोई बात नहीं है, जब मुझे इस्लाम से निकाल दिया गया तो फिर मेरी मर्जी है कि मैं कौन सा धर्म स्वीकार करूं। सनातन धर्म दुनिया का सबसे पहला धर्म है, जितनी उसमें अच्छाइयां पाई जाती हैं, और किसी धर्म में नहीं है। इस्लाम को हम धर्म ही नहीं समझते। हर जुमे की नमाज के बाद हमारा सिर काटने के लिए फतवे दिए जाते हैं तो ऐसी परिस्थिति में हमको कोई मुसलमान कहे, इससे हमको खुद शर्म आती है।”
सोमवार को गाजियाबाद में यति नरसिंहानंद ने वसीम रिजवी को हिन्दू धर्म में शामिल कराया। इसके बाद जितेंद्र नारायण त्यागी यानी वसीम मंदिर में नजर आए। यहां उनके माथे पर त्रिपुंड था, उन्होंने गले में भगवा बाना पहना हुआ था और वो हाथ जोड़कर भगवान की पूजा कर रहे थे।
वसीम रिजवी लगातार अपने बयानों को लेकर विवादों में रहे हैं। पिछले काफी वक्त से वो ऐसे बयान देते आए हैं जिन्हें इस्लाम विरोधी और मुस्लिम विरोधी माना गया। मुस्लिम समाज में भी वसीम रिजवी के खिलाफ काफी गुस्सा देखने को मिला।
तमाम विवादित चीजों के बीच आखिरकार 6 दिसंबर को वसीम रिजवी इस्लाम छोड़कर हिन्दू बन गए और उनका नया नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी हो गया।
इस्लाम छोड़ हिन्दू बने वसीम रिजवी, सनातन धर्म में हुए शामिल
अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने वसीम के हिन्दु बनने पर कहा कि पूर्व मुस्लिम धर्मगुरु वसीम रिजवी साहब का हिंदू सनातन धर्म स्वीकार करना स्वागत योग्य, अखिल भारत हिंदू महासभा, संत महासभा उनका स्वागत करती है, वसीम रिजवी साहब अब हमारे हिंदू सनातन धर्म के अंग है कोई भी कट्टरपंथी उनके खिलाफ फतवा जारी करने के लिए दुसाहस ना करें ,केंद्र ,प्रदेश सरकार उन्हें उचित सुरक्षा मुहैया कराए।