• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

काम हमने बदला, नाम आप बदल दो

Writer D by Writer D
02/10/2021
in Main Slider, उत्तर प्रदेश, ख़ास खबर, लखनऊ
0
14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

देश में आजकल राजनीतिक छल और बौद्धिक बेईमानी के आरोप आम हो गए हैं।  सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ही के नेता एक दूसरे पर इसी आशय के आरोप लगा रहे हैं।  कौन कितना सच बोल रहा है, यह तो दैव जाने लेकिन केवल राजनीतिक प्रतिष्ठानों ही नहीं, सरकारी संस्थानों में भी ऐसा ही कुछ हो रहा है। संस्थान अपने नाम के  अनुरूप काम करें, यह अच्छी बात है लेकिन आजकल संस्थाएं जिस उद्देश्य से बनी हैं, उसे छोड़कर वे अन्य बहुत सारे काम करती हैं। जो उन्हें नहीं करना चाहिए, वह भी करती हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार पर इन दिनों योजनाओं के नाम बदलने के आरोप लग रहे हैं। अगर विपक्ष के इन आरोपों में जरा भी दम है तो योगी सरकार को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का नाम जरूर बदलना चाहिए क्योंकि वह हिंदी के उत्थान को छोड़कर तमाम भारतीय भाषाओं का उत्थान कर रही है। वर्ष 2017 से लेकर 2020 तक वह उत्तर प्रदेश में एक ऐसा साहित्यकार नहीं तलाश सकी है जिसे भारत-भारती सम्मान दिया जा सके। एक ओर तो उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के दावे किए जा रहे हैं, वहीं साहित्य में यह प्रदेश इतना पिछड़ता जा रहा है कि उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के बड़े पुरस्कार अन्य राज्यों के साहित्यकारों को देने पड़ रहे हैं।

भोपाल के रमेश चंद्र शाह, पटना की उषा किरण खान, मुंबई की डॉ.सूर्यबाला और अब अमृतसर के पांडेय  शशिभूषण शीतांशु। भारत-भारती पाने वालों की योग्यता -दक्षता पर सवाल नहीं है लेकिन यह पुरस्कार उत्तर प्रदेश के किसी विद्वान को क्यों नहीं, यह सवाल लिखने-पढ़ने की परंपरा में विश्वास रखने वाले आम बुद्धिजीवी को कचोटता तो है ही।

जिस भारत-भारती से  महादेवी वर्मा, धर्मवीर भारती, जगदीश गुप्त , नामवर सिंह, गोपाल दास नीरज सरीखे विद्वान सुशोभित हो चुके हों, उसके लिए अगर उत्तर प्रदेश में अन्य राज्यों से विद्वानों को आयातित करना पड़ रहा हो, तो इससे अधिक विडंबना की बात भला और क्या हो सकती है? वर्ष 2020 का  महात्मा गांधी साहित्य सम्मान मुजफ्फरपुर बिहार  के डॉ. महेन्द्र मधुकर और  पं. दीनदयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान डॉ. देवेन्द्र दीपक भोपाल को दियाजाना है। योगी सरकार में बड़े पुरस्कारों पर अन्य राज्यों का ही साल-दर साल वर्चस्व रहा है।

बापू के अंत्योदय-सर्वाेदय को अपनाने की जरूरत : विशाल भारद्वाज डीएम

उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान  हिंदी के अतिरिक्त 14 भाषाओं के विद्वानों को सौहार्द सम्मान भी  दे रहा है। उसका दायरा प्रादेशिक कम,राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ज्यादा हो गया है। वह विदेशों में  हिंदी  के ध्वजवाहकों को भी सम्मानित करता है। इस  लिहाज से देखा जाए  तो उसका नाम उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान नहीं, अंतर्राष्ट्रीय बहु भाषा संस्थान होना चाहिए। जो संस्थान नूतन कहानियां जैसी पत्रिका को सम्मानित करने लगे, उसके साहित्यिक सरोकारों को सहज ही जाना-समझा जा सकता है।  उत्तरप्रदेश हिंदी संस्थान की स्थापना जिन उद्देश्यों के तहत हुई थी, वे तो  कब के तिरोहित हो चुके। अंधे की रेवड़ी की तरह पुरस्कार बांटने हों और चीन्ह-चीन्ह कर अपने विचार परिवार को ही उपकृत करना हो तो इस तरह के सम्मान को किस श्रेणी में रखा जाएगा।

देश में सम्मान को लेकर जिस तरह की बौद्धिक बेईमानी हो रही है, उससे  जरूरतमंद अच्छे लेखक वंचित रह जाते हैं।  जो पहले से ही पद्मश्री हैं।  अनेक अवसरों पर सम्मानित हो चुके हैं। उन्हीं को बार-बार सम्मानित करने से तो हिंदी साहित्य का भला नहीं होता। क्या सरकार इस कर्मकांड को रोकेगी?

Tags: hindi sansthanLucknow News
Previous Post

CRPF पर आतंकियों ने किया ग्रेनेड हमला, सर्च अभियान शुरू

Next Post

भाजपा गांधी जी के विचारों को मार रही है : अखिलेश

Writer D

Writer D

Related Posts

Centipedes
Main Slider

धनतेरस पर इस कीड़े का दिखना होता है शुभ, मां लक्ष्मी के आगमन का है संकेत

15/10/2025
Marriage
धर्म

शादी में आ रही है अड़चनें, तो आजमाएं ये अचूक उपाय

15/10/2025
Curtains
Main Slider

इस दिवाली पर मार्केट से नहीं खुद ही बनाए पर्दे

15/10/2025
Back
Main Slider

पहनना चाहती है बैकलेस चोली, तो बैक को ऐसे बनाएं ग्लोइंग

15/10/2025
Old Clothes
Main Slider

पुराने कपड़ों से अपने घर को करें डेकोरेट, हर कोई करेगा तारीफ

15/10/2025
Next Post

भाजपा गांधी जी के विचारों को मार रही है : अखिलेश

यह भी पढ़ें

Catch the Rain

योगी सरकार के नेतृत्व में ‘कैच द रेन 2025’ बना जल चेतना का अभियान

21/06/2025
Sambhal violence: Now DIG jail suspended

जमीन विवाद में हुई हत्या के मामले में लापरवाही बरतने पर SHO समेत चार सस्पेंड

17/11/2020

सैफ अली खान और अर्जुन कपूर स्टारर ‘भूत पुलिस’ का रिलीज हुआ ट्रेलर

19/08/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version