नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से देश के कई हिस्सों में बारिश की खबरें आई। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से रविवार सुबह शुरू हुई बारिश पूरे दिन होती रही। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगल 2 दिनों तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा। सोमवार को बारिश और अधिक हो सकती है। दिल्ली-एनसीआर के कुछ एरिया में ओले भी गिरने के आसार हैं। तेज हवाएं भी चलेंगी।
आज भी बारिश के आसार
मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को भी बादल छाए रहेंगे। हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। कुछ जगहों पर ओलावृष्टि की संभावना भी बनी हुई है। अधिकतम तापमान 18 और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है। इसके बाद बारिश कम होनी शुरू हो जाएगी। 7 जनवरी से मौसम शुष्क हो जाएगा और एक बार फिर से सर्दी बढ़ने लगेगी। इसके बाद न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस पर सिमट जाएगा और अधिकतम तापमान 18 से 19 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच जाएगा।
प्रदूषण से नहीं मिली राहत
खास बात यह रही है कि इतनी बारिश के बाद भी प्रदूषण स्तर में बहुत अधिक गिरावट नहीं हुई। जानकारों का कहना है कि अभी हवा में नमी बनी हुई। आसमान साफ नहीं हुआ है। इस वजह से प्रदूषण के कण हवा में बने हुए हैं। जब आसमान साफ होगा और हवा की नमी कम होगी तो प्रदूषण का स्तर तेजी के साथ नीचे जाएगा। रविवार को 40 एमएम से अधिक बारिश रेकॉर्ड की गई।
दिल्ली में टूटा 12 साल का रिकॉर्ड
दिल्ली में 12 सालों में जनवरी के एक दिन के दौरान सबसे ज्यादा बारिश रविवार को हुई। दोपहर करीब ढाई बजे तक राजधानी के कई इलाकों में रुक-रुक कर कभी बूंदाबांदी तो कभी जोरदार बारिश होती रही। मौसम विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार, रविवार सुबह 8.30 बजे तक ही राजधानी में 25.1 एमएम बारिश हो चुकी थी। इसके बाद 11.30 बजे तक 8.4 एमएम और इसके बाद 2.30 बजे तक 6.4 एमएम बारिश हुई।
घरों में रहे लोग
छुट्टी वाले दिन लोग बाहर एंजॉय करना चाहते थे, लेकिन बारिश ने उनका प्लान बिगाड़ दिया। लोग घरों में ही रहे। बच्चे भी बाहर नहीं निकल सके। सिटी फॉरेस्ट में चल रहा कॉर्निवाल भी बारिश से प्रभावित रहा। 2 दिन से जहां जमकर भीड़ थी, रविवार को बारिश की वजह से सन्नाटा रहा।
बारिश खत्म होने के बाद बढ़ेगी सर्दी
मौसम वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि बारिश के बाद फिर सर्दी बढ़ेगी, क्योंकि इस समय भी पहाड़ों में बर्फबारी हो रही है। बारिश के बाद वहां से सर्द हवाओं का प्रकोप दिल्ली-एनसीआर की तरफ बढ़ेगा तो न्यूनतम तापमान के साथ ही साथ अधिकतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की जाएगी। शीतलहर भी चलेगी। गलन वाली सर्दी बढ़ेगी।