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क्या है ‘ओनोमैटोमेनिया’, इस बीमारी का दिमाग पर क्या होते हैं असर

Jai Prakash by Jai Prakash
12/03/2022
in Lifestyle
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onomatomania

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नई दिल्ली। एक्टर नसीरूद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) 71 साल के हैं। उन्होंने खुलासा किया कि वे ओनोमैटोमेनिया (onomatomania) नाम की बीमारी से जूझ रहे हैं। इस बीमारी की वजह से वे नॉर्मल नहीं रह पाते है। उन्हें बेचैनी होती है और वे अपनी बात को बार-बार दोहराते रहते हैं।

नसीरुद्दीन बताते हैं कि ओनोमैटोमेनिया (onomatomania) एक तरह की मेडिकल कंडीशन है। मैं मजाक नहीं कर रहा हूं। आप डिक्शनरी में चेक कर सकते हैं। इस बीमारी की वजह से आप अपने शब्द या कही गई बात को बेवजह रिपीट करते हैं। बशर्ते आप वह चीज सुनना चाहते हों। मैं इसकी वजह से कभी आराम से नहीं बैठ पाता हूं। सोते वक्त भी अपने किसी मनपसंद पैसेज को दोहराता रहता हूं। इसकी वजह से मेरे साथ-साथ परिवार के दूसरे लोग भी परेशान होते हैं।

इस खतरनाक बीमारी से जूझ रहे है नसीरूद्दीन

ओनोमैटोमेनिया (onomatomania) का मतलब- ‘एक शब्द का डर’ या ‘एक शब्द के बारे में सोच नहीं पाने पर निराशा’ भी हो सकता है।

यह बताता है कि एक संज्ञा यानी noun के रूप में ओनोमैटोमेनिया (onomatomania) ‘एक विशेष शब्द के साथ जुनून है, जिसे व्यक्ति बार-बार यूज करता है। यह उसके दिमाग पर हावी रहता है।’

यह तो हुई नसीर से जुड़ी इंफॉर्मेशन। चलिए, अब इस बीमारी से जुड़े 3 सवालों का जवाब एक्सपर्ट से पूछते हैं…

  1. सवाल- क्या है ओनोमैटोमेनिया (onomatomania) नाम की बीमारी?

जवाब- दिल्ली की क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. पारुल अदलखा (Dr. Parul Adalkha) के अनुसार, “ओनोमैटोमेनिया (onomatomania) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें कोई व्यक्ति जब भी किसी से बातचीत करता है तो किसी विशेष शब्द, वाक्य, कहानी और ऐसी ही कई चीजों को बार-बार बोलता है।

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वह उन्हीं चीजों को दोहराता है, जिन्हें बोलना वह पसंद करता है। इसे ऐसे समझते हैं- मान लीजिए आपको ‘प्यार’ शब्द अच्छा लगने लगा तो जब भी आप किसी से बातचीत करेंगे। उस वक्त किसी न किसी तरह से ‘प्यार’ शब्द को अपनी जुबान पर जरूर ले आएंगे। ये बीमारी किसी शब्द के लिए जुनून बन जाती है। यह ज्यादातर कलाकार, कवि, लेखक और दूसरे क्रिएटिव लोगों में देखी जाती है।

  1. सवाल- क्या ओनोमैटोमेनिया (onomatomania) एक मनोवैज्ञानिक बीमारी है?

जवाब- फोर्टिस हेल्थकेयर में मेंटल हेल्थ एंड बिहेवियरल साइंसेज के डायरेक्टर डॉ. समीर पारिख (Dr. Sameer Parikh) के अनुसार, ओनोमैटोमेनिया (onomatomania)  मनोवैज्ञानिक बीमारी नहीं है। यह कोई कंडीशन भी नहीं है, बल्कि एक रैंडम टर्म है। यह कुछ लोगों को तभी परेशान कर सकता है, जब इसका असर किसी भी इंसान की पूरी वर्किंग कैपेसिटी यानी कार्यक्षमता पर पड़े।

इसे इस उदाहरण से समझते हैं- साहित्य, भाषा या फिर म्यूजिक पसंद करने वाले लोगों के पास उससे जुड़े शब्द और लाइन का भंडार होता है। वे अपनी पसंद की बातें और शब्दों को बार-बार दोहरा सकते हैं। इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें मनोवैज्ञानिक बीमारी है।

3.सवाल- इसे ओनोमैटोमेनिया (onomatomania) नाम किसने दिया?

जवाब- फ्रांस के जीन-मार्टिन चारकोट को फादर ऑफ न्यूरोलॉजी कहा जाता है। जीन और वैलेन्टिन मैग्नन ने इस बीमारी को ओनोमैटोमेनिया (onomatomania) नाम दिया।

उन्होंने ही बताया कि ओनोमैटोमेनिया (onomatomania) का संबंध कंपल्सिव ऑब्सेसिव डिसऑर्डर से है। इन दोनों बीमारी के लक्षण आपस में मिलते-जुलते हैं। चलिए समझते हैं कि कंपल्सिव ऑब्सेसिव डिसऑर्डर में व्यक्ति को क्या होता है।

कंपल्सिव ऑब्सेसिव डिसऑर्डर की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति भी एक ही काम को बार-बार दोहराता है या करता है। जैसे- मान लीजिए आपने घर का ताला लगा दिया, लेकिन आपको भरोसा नहीं होगा कि ताला अच्छी तरह से लॉक है या खुला हुआ है। इसलिए आप बार-बार इसे चेक करेंगे। इसे ही कंपल्सिव ऑब्सेसिव डिसऑर्डर की बीमारी कहते हैं।

चलो अब तो आप समझ गए न ओनोमैटोमेनिया (onomatomania) के बारे में। चलते-चलते एक बात बता दूं कि इसके लिए कोई खास दवा या इलाज नहीं है। जब इसके लक्षण बढ़ जाए तब ही डॉक्टर के पास जाना चाहिए। यानी जब तक ये बीमारी व्‍यक्‍त‍ि की दिनचर्या को परतिभा नहीं कर रही है, तब तक इससे कोई खास परेशानी आपको नहीं होगी।

Tags: Actor Naseeruddin ShahNaseeruddin ShahNaseeruddin Shah death fake newsNaseeruddin Shah InterviewNaseeruddin Shah onomatomaniaonomatomaniaonomatomania new
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