नई दिल्ली। बिजली वितरण कंपनियों ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वह शनिवार को दुनियाभर में मनाए जा रहे अर्थ आवर डे (Earth Hour Day) में शामिल हों। इस दौरान रात 8.30 से 9.30 बजे के बीच स्वेच्छा से अपने घरों व कार्यस्थलों की गैरजरूरी लाइट्स व बिजली उपकरणों को बंद रखें। बीएसईएस खुद भी अपने 400 से अधिक कार्यालयों में अर्थ आवर के दौरान गैर जरूरी लाइट्स को बंद रखेगा।
अर्थ आवर, डब्लूडब्लूएफ (वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर/ वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड) का सालाना कार्यक्रम है। बीएसईएस प्रवक्ता ने कहा कि टिकाऊ विकास को प्रोत्साहन देने के लिए बीएसईस पहले से ही अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है। ई-वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहन देने के लिए लिए चार्जिंग स्टेशन लगाए जा रहे है। ऊर्जा संरक्षण को व्यवहार के स्तर पर अपनाने की दिशा में भी कई सारी पहल की गई हैं।
विगत वर्षों दिल्ली वालों ने बड़े पैमाने पर बिजली बचाई
2022 में अर्थ आवर (Earth Hour Day) के दौरान दिल्ली के लोगों ने 171 मेगावॉट बिजली बचाई। वहीं 2021 में 334 मेगावॉट, 2020 में 79 मेगावॉट बिजली की बचत की। . 2019 में 279 मेगावॉट की बचत हुई। वहीं 2018 में 305 मेगावॉट, 2017 में 290 मेगावॉट, 2016 में 230 मेगावॉट, 2015 में 200 मेगावॉट, 2014 में 250 मेगावॉट, 2013 में 250 मेगावॉट और 2012 में 240 मेगावॉट मेगावॉट बिजली बचाई।
अर्थ आवर डे (Earth Hour Day) मानने के पीछे क्या है मकसद
अर्थ आवर डे (Earth Hour Day) को मनाने का मुख्य मकसद दुनिया में ऊर्जा की बड़े स्तर पर खपत को बचाना और प्रकृति की सुरक्षा के लिए जलवायु परिवर्तन और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करना है। अर्थ आवर डे (Earth Hour Day) की आधिकारिक वेबसाइट पर लिखा है कि प्रकृति के नुकसान और जलवायु परिवर्तन पर चर्चा पर जल्द से जल्द प्रकाश डालने को लेकर दुनिया भर के लाखों लोगों, व्यवसायों और नेताओं को एक साथ लाएं। प्रकृति को हो रहे नुकसान को देखते हुए अर्थ आवर दुनिया के लोगों को इस मुद्दे पर बोलने के लिए भी एकजुट करता है।