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होलिका दहन को लेकर क्या है मान्यता, जानिये शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Holika Dahan

holika dahan

होलिका दहन शुभ मुहूर्त में करने की सलाह दी जाती है। भद्रा के समय में होलिका दहन नहीं किया जाता है। इस बार दोपहर 1 बजे तक भद्रा समाप्त हो जाएगा।

होलिका दहन, हिन्दुओं का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें होली के एक दिन पहले यानी पूर्व संध्या को होलिका का सांकेतिक रूप से दहन किया जाता है। होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व के रूप में मनाया जाता है। होलिका दहन होली त्योहार का पहला दिन, फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।

इसके अगले दिन रंगों से खेलने की परंपरा है जिसे धुलेंडी, धुलंडी और धूलि आदि नामों से भी जाना जाता है। इस साल होलिका दहन  28 मार्च को है। ऐसे में आइए जानते हैं इस दौरान किस मुहूर्त पर करें पूजा- होलिका दहन, जिसे होलिका दीपक और छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है।

होलिका दहन का मुहूर्त किसी त्यौहार के मुहूर्त से ज्यादा महवपूर्ण और आवश्यक है। यदि किसी अन्य त्यौहार की पूजा उपयुक्त समय पर न की जाये तो मात्र पूजा के लाभ से वञ्चित होना पड़ेगा परन्तु होलिका दहन की पूजा अगर अनुपयुक्त समय पर हो जाये तो यह दुर्भाग्य और पीड़ा देती है।

होलिका दहन मुहूर्त 

होलिका दहन रविवार, मार्च 28, 2021 को

होलिका दहन मुहूर्त – 06:37 पी एम से 08:56 पी एम

अवधि – 02 घण्टे 20 मिनट्स

भद्रा पूँछ – 10:13 ए एम से 11:16 ए एम

भद्रा मुख – 11:16 ए एम से 01:00 पी एम

होलिका दहन प्रदोष के दौरान उदय व्यापिनी पूर्णिमा के साथ

पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – मार्च 28, 2021 को 03:27 ए एम बजे

पूर्णिमा तिथि समाप्त – मार्च 29, 2021 को 12:17 ए एम बजे

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