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नवरात्रि पर कन्या पूजन का क्या है महत्व और लाभ

Kanya Puja

Kanya Puja

नवरात्रि में मां शेरावाली की कृपा पाने के लिए हम व्रत, नियम, पूजा, अनुष्ठान आदि करते है जिससे जीवन में भय, विघ्न, रोग और शत्रुओं का नाश होकर सुख-समृद्धि आती है। मान्यता है कि हवन, जप और दान से देवी इतनी प्रसन्न नहीं होतीं जितनी कन्या पूजन से प्रसन्न होती हैं।

नवरात्रि के नौ दिनों में माता की कृपा पाने के लिए कन्याओं के विविध रूपों की पूजा करने का विधान है। इसीलिए नवरात्रि के इन नौ दिनों तक प्रतिदिन इन देवी स्वरुप कन्याओं को अपनी श्रद्धा के अनुसार भेंट देना अति शुभ माना गया है। इन दिनों कन्या स्वरुप देवियों को फूल, श्रंगार सामग्री, मीठे फल, मिठाई, खीर , हलवा, कपड़े, रुमाल,रिबन, पढ़ाई की बस्तुएं, मेहंदी आदि उपहार में देकर मां दुर्गा की कृपा प्राप्त की जा सकती है।

कन्या पूजन के लिए जिन नौ कन्याओं को बुलाया जाता है, उन्हें मां दुर्गा के नौ रूप मानकर ही पूजा की जाती है। शास्त्रानुसार कन्या के जन्म का एक वर्ष बीतने के पश्चात कन्या को कुंवारी की संज्ञा दी गई है। अतः दो वर्ष की कन्या को कुमारी, तीन वर्ष की कन्या को त्रिमूर्ति, चार वर्ष की कल्याणी, पांच वर्ष की रोहिणी, छह वर्ष की कलिका, सात वर्ष की चंडिका,आठ वर्ष की शाम्भवी,नौ वर्ष की दुर्गा तथा दस वर्ष की कन्या सुभद्रा के सामान मानी जाती हैं।

दुर्गा सप्तशती में कहा गया है कि दुर्गा पूजन से पहले भी कन्या का पूजन करें ,तत्पश्चात ही माँ दुर्गा का पूजन आरम्भ करें। श्रद्धा भाव से की गई एक कन्या की पूजा से ऐश्वर्य, दो कन्या की पूजा से भोग, तीन की से चारों पुरुषार्थ और राज्यसम्मान,चार और पांच की पूजा से बुद्धि-विद्या ,छह की पूजा से कार्यसिद्धि,सात की पूजा से परमपद, आठ की पूजा से अष्टलक्ष्मी और नौ कन्याओं की पूजा से सभी प्रकार के ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

नवरात्रि के नौ दिनों में कन्या पूजन में इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि कन्याओं की उम्र दो वर्ष से कम और दस वर्ष से अधिक न हो। दो वर्ष की कन्या अर्थात कुमारी रूप के पूजन से सभी तरह के दुखों और दरिद्रता का नाश होता है।

भगवती त्रिमूर्ति के पूजन से धन लाभ होता है। देवी कल्याणी के पूजन से जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। मां के रोहणी स्वरूप की पूजा करने से जातक के घर परिवार से सभी रोग दूर होते है। मां के कलिका स्वरूप की पूजा करने से ज्ञान, बुद्धि, यश और सभी क्षेत्रों में विजय की प्राप्ति होती है।

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