देवउठनी एकादशी (Devuthani Ekadashi) का सभी एकादशियों में विशेष महत्व माना जाता है। यह दिन धार्मिक दृष्टि से बेहद ही पवित्र और पुण्यदायी माना गया है। देवउठनी एकादशी को देवउठनी ग्यारस, देवउठाउनी और प्रबोधिनी एकादशी भी कहते हैं। हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर देवउठनी एकादशी मनाई जाती है। यह पावन दिन चातुर्मास की समाप्ति और शुभ-मांगलिक कार्यों की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु 4 महीने बाद योग निद्रा से जागते हैं, जिससे विवाह, सगाई, नामकरण, गृह प्रवेश आदि शुभ-मांगलिक कार्यों पर लगी रोक समाप्त हो जाती है।
देवउठनी एकादशी (Devuthani Ekadashi) कब है?
देवउठनी एकादशी तिथि शुरू – 1 नवंबर 2025 को रात 11:48 बजे।
देवउठनी एकादशी तिथि समाप्त – 2 नवंबर 2025 को रात 9:42 बजे।
ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, देवउठनी एकादशी का व्रत और पूजा 2 नवंबर 2025 (रविवार) को करना शुभ रहेगा।
देवउठनी एकादशी (Devuthani Ekadashi) पर क्या उपाय करें?
देवउठनी एकादशी की रात घर के मुख्य दरवाजे के दोनों तरफ गाय के घी के दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, सुख-शांति बनी रहती है और परिवार में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
देवउठनी एकादशी (Devuthani Ekadashi) की रात पीपल के पेड़ के नीचे एक दीपक जरूर जलाएं और सात बार उसकी परिक्रमा करनी चाहिए। मान्यता है ऐसा करने से आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है और अचानक धन प्राप्ति के योग बनते हैं।
देवउठनी एकादशी की रात रसोईघर में भी एक घी का दीपक जलाना चाहिए, क्योंकि यह माता अन्नपूर्णा का पवित्र स्थान होता है। मान्यता है कि एकादशी पर किचन में दीपक जलाने से घर में अन्न का भंडार हमेशा भरा रहता है।
देवउठनी एकादशी पर तुलसी पूजा का विशेष महत्व है। शाम के समय तुलसी के पास घी के पांच दीपक जरूर जलाएं। तुलसी माता को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है, इसलिए एकादशी की शाम तुलसी के पास दीपक जलाने से दांपत्य जीवन में सुख-शांति आती है और लक्ष्मी जी की कृपा भी बनी रहती है।
दीपक जलाते समय ये मंत्र बोलें
दीपज्योति: परब्रह्म: दीपज्योति: जनार्दन:।
दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नामोस्तुते।।
शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखं सम्पदां।
शत्रुवृद्धि विनाशं च दीपज्योति: नमोस्तुति।।
दीपक जलाने के नियम
– दीपक की लौ पूर्व दिशा की ओर रखने से लंबी उम्र होती है।
– दीपक की लौ पश्चिम दिशा की ओर रखने से परेशानियां बढ़ता हैं।
– दीपक की लौ उत्तर दिशा की ओर रखने से धन प्राप्ति होती है।
– दीपक की लौ दक्षिण दिशा की ओर न रखें, क्योंकि इससे जन या धन हानि होती है।









