नई दिल्ली। अमेरिका में राष्ट्रपति के पिछले चुनाव की तुलना में इस बार नतीजों के आने में ज्यादा समय लग रहा है। बता दें कि इस बार तकरीबन 16 करोड़ मतदाताओं ने राष्ट्रपति चुनने के लिए वोट डाले हैं। लेकिन, इसमें से लगभग दस करोड़ अमेरिकी वोटर्स मेल-इन के जरिए से पहले ही वोट डाल चुके थे। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट्स के उम्मीदवार जो बाइडेन के बीच हो रहे मुकाबले में ज्यादा समय लगने के पीछे की वजह मेल-इन वोट्स ही हैं।
राष्ट्रपति चुनाव नतीजों से पहले सेंसेक्स 41100 और निफ्टी 12000 के पार
बता दें कि वोटों की गिनती शुरू हुए घंटों बीत जाने के बाद भी अभी भी ज्यादातर जगहों पर मेल-इन वोट्स की गिनती शुरू नहीं हुई है। यानी कि ज्यादातर राज्यों ने उन वोटों को गिनना ही नहीं शुरू किया है, जिन्हें तीन नवंबर को हुए मतदान से पहले डाला गया था। दस करोड़ मेल-इन वोट्स तीन नवंबर को पड़े छह करोड़ वोट्स की संख्या से कहीं अधिक है, जिसकी वजह से अमेरिकी चुनाव के नतीजों को आने में अभी और समय लग सकता है।
ओबामा व बिल क्लिंटन को पछाड़ जो बाइडेन ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में बनाया ये रिकॉर्ड
चुनावी नतीजों को आने में जानें कितना समय लगेगा?
अमेरिका में मंगलवार को राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग के दौरान भी विश्लेषक यह कह रहे थे कि इस बार पहले की तुलना में नतीजों के आने में कहीं अधिक समय लगेगा। विश्लेषकों की मानें तो मेल-इन वोटों की गिनती की वजह से कुछ राज्यों में तो कुछ दिन या कई राज्यों में सप्ताह भर का भी लग सकता है।
अगर टाई हुआ मुकाबला जानें तब क्या होगा?
अमेरिकी चुनाव में जो बाइडेन और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच अभी कांटे का मुकाबला चल रहा है। हालांकि, काउंटिंग की शुरुआत में जो बाइडेन ने जरूर काफी ज्यादा की बढ़त हासिल कर ली थी, लेकिन बाद में डोनाल्ड ट्रंप ने वापसी की और एक समय दोनों राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच में इलेक्टोरल वोटों का अंतर महज 11 रह गया था। ताजा आंकड़ों की मानें तो, डोनाल्ड ट्रंप 213 इलेक्टोरल वोट्स हासिल करके जो बाइडेन के कुल 238 वोटों से पीछे हैं।
हार के बावजूद डोनाल्ड ट्रंप सत्ता छोड़ने से किया इनकार तो जानें क्या होगा?
ऐसे में टक्कर कांटे की है तो कई लोगों के मन में यह भी सवाल उठ रहा होगा कि अगर दोनों उम्मीदवारों को बराबर के वोट्स मिले यानी कि रिजल्ट टाई हो जाए तो फिर क्या होगा? बता दें कि अमेरिका में कुल 538 इलेक्टोरल वोट हैं, जिसमें से किसी को भी जीतने के लिए आधे से ज्यादा वोटों की जरूरत होती है। यानी कि अगर बाइडेन या फिर ट्रंप को राष्ट्रपति बनना है तो उन्हें कम से कम 270 वोट चाहिए ही होंगे, लेकिन अगर दोनों को ही 269-269 इलेक्टोरल वोट्स मिलते हैं और मुकाबला टाई हो जाता है तो ऐसे में हाउस ऑफ रिप्रेंजटेटिव (अमेरिकी संसद का निचला सदन) उप-राष्ट्रपति को चुनेगी। यहां पर राज्यों के हिसाब से वोटिंग होती है। पहले उप-राष्ट्रपति को चुना जाएगा और फिर बाद में वोटिंग के जरिए से राष्ट्रपति को चुना जाएगा।