नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी को शुरू हुए पूरे एक साल हो चुके हैं। इस दौरान देश के लगभग सभी सेक्टरों को नुकसान झेलना पड़ा था। लेकिन देख का एक सेक्टर ऐसा रहा जिसको 2020 में बिल्कुल नुकसान नहीं हुआ। इसके उलट हाउसिंग सेक्टर के लिए कोरोना महामारी के बावजूद बीता वर्ष फायदेमंद रहा। इसका एक अहम कारण बताया जा रहा है। असल में ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पिछले साल में बने-बनाए मकानों की बिक्रीद नौ फीसदी कम हुई है, जिससे बिल्डरों को काफी नुकसान झेलना पड़ा।
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बताया जा रहा है कि 31 दिसंबर 2020 तक बिना बिके मकानों की तादाद 7.18 लाख थी और इससे पहले के साल यानी दिसंबर 2019 में यह तादात 7.92 लाख थी। अक्तूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान मकानों की बिक्री सबसे ज्यादा यानी 68 फीसदी बढ़कर 58,914 यूनिट के स्तर पर पहुंच गई। त्योहारी मांग की इसमें सबसे बड़ी भूमिका थी। पिछले साल तैयार मकानों की इन्वेंटरी में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। राष्ट्रीय स्तर पर, कुल इन्वेंटरी में किफायती मकानों की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा यानी 48 फीसदी रही।