जुलाई के शुरू होते ही शिव भक्तों की खुशियां भी बढ़ गई हैं। इसकी वजह है सावन। इस बार महादेव का प्रिय माह सावन 11 जुलाई 2025 से शुरू हो रहा है। यह पूरा महीना महाकाल को प्रसन्न और उनकी कृपा पाने का सबसे बड़ा अवसर होता है। हालांकि, सावन से पहले भी भोलेनाथ को प्रसन्न करने का एक और अवसर मिल रहा है। आषाढ़ माह का आखिरी प्रदोष व्रत (Pradosh) 8 जुलाई को रखा जाएगा, जो कि देवों के देव महादेव को समर्पित है। कहते हैं कि इस दिन भगवान शिव की पूजा और उपवास करने से जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। आइए जानते हैं कि प्रदोष व्रत पर भोलेनाथ को कैसे प्रसन्न करें।
जुलाई में भौम प्रदोष (Pradosh) व्रत 2025
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 7 जुलाई को रात 11:10 मिनट पर शुरू होने जा रही है। वहीं, इस तिथि का समापन 9 जुलाई को तड़के रात 12:38 मिनट पर होगा। ऐसे में आषाढ़ माह का आखिरी प्रदोष (Pradosh) व्रत 8 जुलाई को रखा जाएगा। इस दिन मंगलवार है, इसलिए इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाएगा। प्रदोष व्रत की पूजा का मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहेगा –
प्रदोष (Pradosh) व्रत पूजा का समय – 8 जुलाई कोशाम 7:23 मिनट से रात 9:24 मिनट तक।
भोलेनाथ को कैसे प्रसन्न करें?
– सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
– फिर मंदिर की सफाई करें और घर में गंगाजल का छिड़काव करें।
– एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भोलेनाथ और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित करें।
– अब भगवान शिव का कच्चे दूध, गंगाजल, और जल से अभिषेक करें।
– शिवजी की पूजा में बेलपत्र, धतूरा और भांग आदि चढ़ाएं।
– फिर भोलेनाथ को फल, हलवा या फिर चावल की खीर का भोग लगाएं।
– इसके बाद माता पार्वती को 16 शृंगार का सामान अर्पित करें।
– अंत में घी का दीपक जलाएं और शिव-पार्वती की आरती करें।
– इसके बाद सभी लोगों में पूजा का प्रसाद बांटें।
भोलेनाथ को प्रसन्न करने का मंत्र
प्रदोष (Pradosh) व्रत पर भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए ‘ॐ नमः शिवाय‘ मंत्र का जाप करना सबसे असरदार माने जाते हैं। इसके अलावा, प्रदोष व्रत के दौरान महामृत्युंजय मंत्र और रुद्र गायत्री मंत्र का जाप भी फलदायी होता है।