भादो माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी (Aja Ekadashi) के नाम से जाना जाता है। इस एकादशी को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र और पुण्यदायी माना गया है। सभी एकादशी की तरह ही यह एकादशी भी भगवान विष्णु को समर्पित होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, अजा एकादशी व्रत को पापों के नाश और मोक्ष प्राप्ति के लिए किया जाता है। इस साल अजा एकादशी 18 अगस्त को है या 19 अगस्त को या फिर 20 को, इस बात को लेकर थोड़ी कंफ्यूजन बनी हुई है। चलिए आपका कंफ्यूजन दूर करते हुए बताते हैं कि अजा एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा।
अजा एकादशी (Aja Ekadashi) व्रत कब रखा जाएगा?
हिंदू पंचांग के मुताबिक, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 18 अगस्त को शाम 5:22 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 19 अगस्त को दोपहर 3:32 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार साल 2025 में अजा एकादशी का व्रत 19 अगस्त को किया जाएगा। वहीं, अजा एकादशी व्रत का पारण 20 अगस्त को किया जाएगा।
अजा व्रत पारण टाइम:- 20 अगस्त को सुबह 5:35 मिनट से लेकर 8:29 मिनट तक किया जाएगा।
अजा एकादशी (Aja Ekadashi) पर क्या करना चाहिए?
– अजा एकादशी के दिन उपवास करना महत्वपूर्ण है। आप निर्जला, सजल, या फलाहारी व्रत कर सकते हैं।
– अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करें, उनके मंत्रों का जाप करें और आरती करें।
– अजा एकादशी पर भगवत गीता या भागवत पुराण का पाठ करें।
– अजा एकादशी पर अनाज, वस्त्र, या अन्य वस्तुओं का दान करना पुण्यदायी माना जाता है।
– अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के भजन गाएं और कीर्तन करें।
– अजा एकादशी पर रात्रि जागरण जरूर करना चाहिए।
अजा एकादशी पर तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाना और उसकी पूजा करनी चाहिए।
– एकादशी के दिन सत्यनारायण कथा सुननी या पढ़नी चाहिए।
अजा एकादशी (Aja Ekadashi) पर क्या नहीं करना चाहिए?
– अजा एकादशी के दिन चावल का सेवन करना वर्जित होता है।
– अजा एकादशी पर मांस, शराब, और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन न करें ।
– अजा एकादशी की रात को सोना नहीं चाहिए, बल्कि भगवान का भजन-कीर्तन करना चाहिए।
– अजा एकादशी के दिन क्रोध, झूठ, और निंदा से बचना चाहिए।
– अजा एकादशी पर बाल नहीं धोने चाहिए और दाढ़ी नहीं बनवानी चाहिए ।