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बकरीद कब है? जानें क्यों मनाई जाती है ईद-उल-अजहा

Bakrid

Bakrid

ईद उल-अजहा (Eid-ul-Adha) , जिसे बकरीद (Bakrid) के नाम से भी जाना जाता है, इस्लाम धर्म का बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है। इस वर्ष भारत में बकरीद का त्योहार चांद देखने के बाद 7 जून 2025 को मनाया जाएगा। इस्लाम धर्म में बकरीद का विशेष महत्व है, इसे कुर्बानी का त्योहार भी माना जाता है। इस त्योहार को दुनियाभर में इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग बहुत ही उत्साह से मनाते हैं। आइए जानते हैं कि बकरीद (Bakrid) क्यों मनाई जाती है, क्यों है इसका विशेष महत्व? अरब देशों में कब मनाई जाएगी बकरीद?

बकरीद (Bakrid) किस दिन मनाई जाएगी?

भारत में बकरीद (Bakrid) की तारीख सऊदी अरब में चांद दिखने के आधार पर तय की जाती है। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक 12वें महीने धू-अल-हिज्जा की 10 तारीख को बकरीद मनाई जाती है। यह तारीख रमजान के पवित्र महीने के खत्म होने के लगभग 70 दिनों के बाद आती है।

किस देश में कब मनाई जाएगी बकरीद (Bakrid)?

सऊदी अरब, ओमान और इंडोनेशिया में बकरीद का त्योहार 6 जून 2025 को मनाया जाएगा। वहीं, भारत, नाइजीरिया, मोरक्को, बांग्लादेश, मलेशिया और न्यूजीलैंड में बकरीद 7 जून 2025 को मनाई जाएगी।

क्यों मनाया जाता है बकरीद (Bakrid) का त्योहार?

इस्लामिक धार्मिक मान्यता के अनुसार पैगंबर मोहम्मद इब्राहिम के द्वारा ही कुर्बानी देने की परंपरा शुरू हुई थी। माना जाता है कि अल्लाह ने एक बार पैगंबर मोहम्मद इब्राहिम से कहा था कि वे अपनी श्रद्धा और विश्वास को साबित करने के लिए अपनी सबसे अमूल्य चीज को त्याग दें। तब उन्होंने अल्लाह के प्रति अपना समर्पण दिखाते हुए अपने बेटे इस्माइल को कुर्बान करने का फैसला किया था।

कहा जाता है कि जब पैगंबर इब्राहिम अपने बेटे की कुर्बानी देने वाले थे। उसी समय अल्लाह ने अपने दूत को भेजकर बेटे को एक बकरे से बदल दिया था। तभी से बकरीद अल्लाह में पैगंबर इब्राहिम के विश्वास को याद करने के लिए मनाई जाती है।

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