आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) मनाई जाती है। एकादशी व्रत जगत के पालन हार भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यता है कि देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। इस अवधि में शुभ व मांगलिक कार्यों की मनाही होती है। जानें जुलाई में देवशयनी एकादशी कब है।
देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) कब है:
हिंदू पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि 05 जुलाई को शाम 06 बजकर 58 मिनट पर प्रारंभ होगी और 06 जुलाई को रात 09 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी। देवशयनी एकादशी व्रत उदया तिथि में 06 जुलाई में रखा जाएगा।
देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) का महत्व:
देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) प्रसिद्ध जगन्नाथ रथयात्रा के तुरंत बाद आती है। देवशयनी एकादशी से ही चर्तुमास प्रारंभ होता है। इस एकादशी को पद्मा, आषाढ़ी या हरिशयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि देवशयनी एकादशी व्रत करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। जीवन में सुख-समृद्धि आती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। देवशयनी के दिन ही भगवान विष्णु का शयनकाल प्रारंभ हो जाता है।
देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) पूजन मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:08 ए एम से 04:49 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 11:58 ए एम से 12:54 पी एम
विजय मुहूर्त- 02:45 पी एम से 03:40 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 07:21 पी एम से 07:42 पी एम
अमृत काल- 12:51 पी एम से 02:38 पी एम
त्रिपुष्कर योग- 09:14 पी एम से 10:42 पी एम
रवि योग- 05:56 ए एम से 10:42 पी एम
देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) व्रत पारण का मुहूर्त:
देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) व्रत का पारण 07 जुलाई को किया जाएगा। व्रत पारण का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 29 मिनट से सुबह 08 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय रात 11 बजकर 10 मिनट है।
