Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

कब से शुरू हो रही है गुप्त नवरात्रि, जानें घट स्थापना का मुहूर्त

Gupt Navratri

Gupt Navratri

हिंदू पंचांग के अनुसार साल में कुल 4 बार नवरात्रि का पर्व पड़ता है. इसमें से दो बार गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) आती है, एक माघ और दूसरी आषाढ़ के महीने में. गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है. इस नवरात्रि को तंत्र साधना के लिए उत्तम माना गया है.

आषाढ़ का महीना 15 जून से शुरू हो चुका है. इस माह में पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि 30 जून से शुरू होगी और इसका समापन 9 जुलाई को होगा. यहां जानिए गुप्त नवरात्रि का महत्व, घट स्थापना का समय और अन्य जरूरी जानकारी के बारे में.

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि (gupt navratri) 2022 शुभ मुहूर्त

आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि (gupt navratri) प्रतिपदा तिथि 29 जून 2022, को सुबह 8 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और 30 जून 2022, सुबह 10 बजकर 49 मिनट तक रहेगी. चूंकि हिंदू धर्म में उदया तिथि को विशेष महत्व दिया गया है, ऐसे में गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 30 जून से ही मानी जाएगी. घट स्थापना का शुभ मुहूर्त 30 जून 2022 को सुबह 05:26 मिनट से 06:43 मिनट तक रहेगा.

इन दस महाविद्याओं की होती है पूजा

गुप्त नवरात्रि में मां के नौ रूपों की बजाय दस महाविद्याओं की पूजा होती है. ये दस महाविद्याएं हैं- काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी व कमला. गुप्त नवरात्रि विशेषकर तांत्रिक क्रियाओं, शक्ति साधना आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्व रखती है.

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि (gupt navratri)  पूजा विधि

आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि (gupt navratri)  के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होने के बाद विधिवत घट स्थापना करें. एक चौकी पर माता की मूर्ति स्थापित करें और लाल रंग का सिंदूर और लाल रंग की चुनरी अर्पित करें. साथ ही शृंगार के सामान अर्पित करें. इसके बाद लाल रंग का पुष्प चढ़ाएं. दोनों वक्त की पूजा में दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. सरसों के तेल का दीपक जलाकर माता के मंत्रों का जाप करें. किसी विशेष कामना पूर्ति के लिए आधी रात में मां दुर्गा के विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं.

गुप्त नवरात्रि (gupt navratri) का महत्व

गुप्त नवरात्रि (gupt navratri)  को विशेष कामनापूर्ति और सिद्धि के लिए विशेष माना जाता है. मान्यता है कि गुप्त नवरात्रों के साधनाकाल में मां शक्ति का जप, तप, ध्यान करने से जीवन में आ रही सभी बाधाएं नष्ट होने लगती हैं. इस दौरान साधक तंत्र मंत्र और विशेष पाठ गुप्त रूप से करते हैं, तभी उनकी कामना फलित होती है. शाक्त ग्रंथो में गुप्त नवरात्रों का बड़ा ही माहात्म्य गाया गया है. मानव के समस्त रोग-दोष व कष्टों के निवारण के लिए गुप्त नवरात्र से बढ़कर कोई साधनाकाल नहीं हैं.

Exit mobile version