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कब है ज्येष्ठ पूर्णिमा, सुख-समृद्धि के लिए इस विधि से करें पूजा

Bhadrapada Purnima

Bhadrapada Purnima

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima) व्रत रखा जाता है. इस साल ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 14 जून दिन मंगलवार को है. इस दिन वट पूर्णिमा व्रत और बड़ा मंगलवार है. जीवन सुख और समृद्धि के लिए ज्येष्ठ पूर्णिमा के​ दिन व्रत और पूजा करते हैं. इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से चंद्र दोष दूर होता है और कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है. ज्येष्ठ पूर्णिमा को सत्यनारायण भगवान की कथा सुनते हैं और उनकी पूजा करते हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत, पूजा और चंद्रोदय समय के बारे में.

ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima) व्रत 2022 मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 13 जून, सोमवार, रात 09:02 बजे से

पूर्णिमा तिथि समापन: 14 जून, मंगलवार, शाम 05:21 बजे पर

साध्य योग: 14 जून को सुबह 09:40 बजे तक, फिर शुभ योग प्रारंभ

अभिजीत मुहूर्त: 14 जून, 11:54 बजे से दोपहर 12:49 बजे तक

ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima) पर स्नान और दान

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा पर स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. ऐसे में आप इस दिन प्रात:काल से ही स्नान और दान कर सकते हैं क्योंकि सुबह से ही साध्य योग प्रारंभ है. यह योग मांगलिक कार्यों के लिए शुभ होता है.

ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima) का दान

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर स्नान के बाद आप चंद्रमा से जुड़ी वस्तुओं का दान करें. इस दिन आप किसी ब्राह्मण को सफेद वस्त्र, शक्कर, चावल, दही, चांदी, सफेद फूल, मोती आदि का दान कर सकते हैं. इससे चंद्रमा मजबूत होता है, जीवन में सुख एवं समृद्धि आती है.

ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima) पर चंद्रोदय और अर्घ्य

14 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा को चंद्रोदय शाम 07 बजकर 29 मिनट पर होना है. इस समय आप चंद्र देव का दर्शन करें. फिर उनको अर्घ्य दें. एक लोटे में जल, दूध, अक्षत् और सफेद फूल डालकर चंद्रमा को अर्पित कर दें.

ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima) की पूजा

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन आप अपने घर पर सत्यनारायण भगवान की पूजा और कथा का आयोजन कर सकते हैं. सत्यनारायण भगवान को श्रीहरि विष्णु का ही एक स्वरूप माना जाता है. इस रात आप माता लक्ष्मी की भी पूजा करते हैं. माता लक्ष्मी की कृपा से धन, संपत्ति एवं वैभव में वृद्धि होती है.

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