इस महीने की 11 तारीख को सावन का महीना शुरू हो गया था। अब 9 अगस्त को ये खत्म होने जा रहा है। हिंदू धर्म में जहां एक ओर सावन का महीना पवित्र माना जाता है वहीं इसके बाद आने वाले भाद्रपद महीने का भी अलग महत्व होता है। 10 अगस्त से भाद्रपद शुरू हो जाएगा। इस महीने में एक के बाद एक कई त्योहार आते हैं और इन्हीं में से एक है कजरी तीज (Kajari Teej) । इस खास दिन पर भगवान शिव के साथ मां पार्वती की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन जो लोग व्रत रखकर भगवान शिव और मां पार्वती को याद करते हैं, उनकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है। चलिए जानते हैं कि आखिर इस व्रत की तारीख क्या है और जानेंगे इसकी पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में…
क्या होता है कजरी तीज (Kajari Teej)
धार्मिक मान्यता है कि इसकी शुरुआत मां पार्वती ने की थी। मां पार्वती भगवान शिव से शादी करना चाहती थीं और उन्हें पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या भी की। उन्होंने कजरी तीज भी रखना शुरू किया ताकि भगवान शिव ही उनके पति बनें। सच्चे मन से इस व्रत को रखने वालों का वैवाहिक जीवन हमेशा सही रहता है। महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए इस व्रत को रखती हैं।
वहीं सावन की तरह ही कुंवारी कन्याएं इस व्रत को भी खूब रखती हैं। कहते हैं कि इस व्रत से खुश होकर भगवान शिव और मां पार्वती मनचाहा वर पाने का वरदान देते हैं।
तारीख और शुभ मुहूर्त
कजरी तीज (Kajari Teej) हमेशा भाद्रपद की तीसरी तिथि पर ही मनाया जाता है। इस बार कृष्ण पक्ष के तीसरे तिथि की शुरुआत 11 अगस्त की सुबह से हो जाएगी। इसका समापन 12 अगस्त की सुबह 8 बजकर 40 मिनट पर होगा और कजरी तीज इसी दिन मनाई जाएगी। इन दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04.23 से 05.06 बजे तक रहेगा।
वहीं विजय मुहूर्त दोपर में 02.38 से लगकर 03.31 बजे तक चलेगा। इसके बाद गोधूलि मुहूर्त की शुरुआत शाम 07.03 से होगी जोकि 07.25 बजे तक रहेगी। आखिरी में निशिथ काल मुहूर्त की शुरुआत रात 12.05 से होगी, जोकि रात 12.48 बजे तक चलेगी।