हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व है। माघ महीने की मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) पर स्नान और दान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन संपूर्ण रूप से मौन रहा जाए तो स्वस्थ स्वास्थ्य और ज्ञान की प्राप्ति होती है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और पितरों की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन पितरों की पूजा-अर्चना करने से पितृ दोष से छुटकारा मिलता है। माघ अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है।
मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) कब है 2025-
अमावस्या तिथि 28 जनवरी 2025 शाम को 07 बजकर 35 मिनट पर प्रारंभ होगी और 29 जनवरी 2025 को शाम 06 बजकर 05 मिनट पर समाप्त होगी। माघ या मौनी अमावस्या 29 जनवरी 2025, बुधवार को है।
मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) पर बन रहे शुभ योग-
मौनी अमावस्या पर सिद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है। सिद्धि योग रात 09 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सिद्धि योग में किए गए कार्यों में सफलता हासिल होती है।
मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) पर स्नान-दान का शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 05:25 ए एम से 06:18 ए एम
प्रातः सन्ध्या- 05:51 ए एम से 07:11 ए एम
विजय मुहूर्त- 02:22 पी एम से 03:05 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 05:55 पी एम से 06:22 पी एम
सायाह्न सन्ध्या- 05:58 पी एम से 07:17 पी एम
अमृत काल- 09:19 पी एम से 10:51 पी एम
मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) पर किन चीजों का दान करना चाहिए-
मौनी अमावस्या के दिन गौ दान करने से मोक्ष फल की प्राप्ति होती है। भूमि दान करने से आर्थिक संपदा की प्राप्ति होती है। काले तिलों का दान करने से ग्रह बाधा से मुक्ति मिलती है। स्वर्ण दान से रोग व कर्ज से मुक्ति मिलती है। नमक का दान करने करने से विघ्न-बाधाओं से मुक्ति मिलती है। चांदी का दान करने से संतान को उन्नति प्राप्त होती है। घी का दान करने से परिवार में खुशहाली आती है।