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कब है नाग पंचमी, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

 सावन का महीना शिव के आराधकों के लिए बहुत खास होता है। सावन के दौरान न केवल भोलेनाथ की पूजा की जाती है बल्कि नाग देवता की पूजा भी की जाती है। नाग देवता इसलिए भी पूजनीय हैं क्योंकि उन्हें शिव जी ने अपने गले में धारण किया हुआ है। नाग पंचमी हर साल सावन के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस बार नाग पंचमी 13 अगस्त  को है। नाग पंचमी के दिन सांप को दूध पिलाने की मान्यता है। जानिए क्या है नाग पंचमी का महत्व और इस दिन क्यों सांप को दूध पिलाने की मान्यता है।

नाग पंचमी के दिन सांप को दूध पिलाने की परंपरा कई साल से चलती आ रही है। भविष्य पुराण के अनुसार इस दिन नाग को दूध पिलाने से नाग देवता प्रसन्न हो जाते हैं और सर्पदोष का खतरा भी कम हो जाता है। भविष्य पुराण के अनुसार इस दिन महाराजा जनमेजय ने एक बार नाग यज्ञ किया। इस यज्ञ की वजह से नागों का शरीर जल गया था। तब आस्तिक मुनि ने उनके शरीर पर दूध डालकर रक्षा की थी।

क्या है शुभ मुहूर्त-

पांचांग के अनुसार इस बार नाग पंचमी 13 अगस्त को होगी

दिन – शुक्रवार

पंचमी तिथि प्रारंभ- 12 अगस्त 2021 को दोपहर 3 बजकर 24 मिनट से

पंचमी तिथि समाप्त- 13 अगस्त 2021 को दोपहर 1 बजकर 42 मिनट तक

कैसे करें पूजा

नागों की पूजा करते समय चावल, हल्दी, रोली, फूल, अक्षत, कच्चा दूध और घी का प्रयोग करना चाहिए। इस दौरान नाग देव से प्रार्थना करनी चाहिए कि वह कभी भी हमें क्षति न पहुंचाएं। पूजा करते समय कथा का विशेष महत्व होता है कथा पढ़ने के बाद आरती कर नाग देवता का आशीर्वाद लेना चाहिए।

नाग पंचमी क्यों है विशेष?

नागपंचमी के व्रत का उल्लेख धार्मिक शास्त्रों में भी है। नाग पंचमी के दिन सच्चे मन से नाग देवता की पूजा से सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। आप आध्यात्मिक रूप से प्रबल होते हैं।

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