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इस दिन है वैशाख अमावस्या, जानें पूजा- विधि और शुभ मुहूर्त

Amavasya

Amavasya

हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है। अमावस्या तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। अमावस्या तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व होता है। इस पावन दिन नदी में स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य देकर पितरों का तर्पण किया जाता है। हर माह में एक बार अमावस्या तिथि पड़ती है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण भी किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना के लिए व्रत रखती हैं। आइए जानते हैं वैशाख अमावस्या (Vaishakh Amavasya) की डेट, पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त…

वैशाख अमावस्या (Vaishakh Amavasya) डेट– 27 अप्रैल, रविवार।

मुहूर्त

वैशाख, कृष्ण अमावस्या प्रारम्भ – 04:49 ए एम, अप्रैल 27

वैशाख, कृष्ण अमावस्या समाप्त – 01:00 ए एम, अप्रैल 28

पूजा-विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इस दिन पवित्र नदी या सरवोर में स्नान करने का महत्व बहुत अधिक होता है। आप घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं। स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। अगर आप उपवास रख सकते हैं तो इस दिन उपवास भी रखें। इस पावन दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

इस दिन करें ये काम-

इस दिन पितर संबंधित कार्य करने चाहिए।

पितरों के निमित्त तर्पण और दान करें। इस पावन दिन दान करने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है।

इस पावन दिन गंगा स्नान का बहुत अधिक महत्व होता है।

इस पावन दिन गाय को भोजन भी कराएं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गाय की पूजा करने से पितर संबंधित समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। इस पावन दिन गाय को सात्विक भोजन कराएं। ऐसा माना जाता है कि गाय को खिलाया हुआ भोजन पितरों को प्राप्त हो जाता है।

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