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वरुथिनी एकादशी कब है? जानें महत्व एवं व्रत पारण समय

Varuthini Ekadashi

Varuthini Ekadashi

सनातन धर्म में वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) का विशेष धार्मिक महत्व माना गया है। हर साल वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर यह एकादशी मनाई जाती है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। वरुथिनी एकादशी का व्रत भगवान की कृपा पाने का एक महत्त्वपूर्ण दिन होता है। अगर आप भी लक्ष्मी नारायण की कृपा पाना चाहते हैं, तो ऐसे में चलिए आपको बताते हैं कि इस साल वरुथिनी एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा।

वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) 2025 कब है?

वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 23 अप्रैल को शाम 4:43 बजे से शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 24 अप्रैल को दोपहर 2:32 बजे होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार वरुथिनी एकादशी का व्रत 24 अप्रैल को रखा जाएगा।

वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) पारण समय

वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) व्रत का पारण 25 अप्रैल को किया जाएगा। व्रत पारण का समय 25 अप्रैल को सुबह 5:46 बजे से लेकर सुबह 8:23 बजे तक रहेगा। इस समय के दौरान व्रती स्नान-पूजन करके व्रत खोल सकते हैं। व्रत का पारण करने के बाद अन्न-धन का दान करना चाहिए।

वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) का महत्व

वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) का विशेष महत्त्व माना जाता है। सभी एकादशी की तरह ही, यह व्रत भी भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के पूजन का दिन है। धार्मिक मान्यता है कि वरुथिनी एकादशी का व्रत रखने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही, व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

इसके अलावा, वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) का व्रत रखने से व्यक्ति को सभी संकटों से मुक्ति मिल सकती है। पौराणिक मान्यता है कि वरुथिनी एकादशी व्रत करने वाले को मृत्यु के बाद स्वर्ग और वैकुंठ लोक में जगह मिलती है। ऐसा माना जाता है कि वरुथिनी एकादशी व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप दूर हो जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है।

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