चंडीगढ़। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (Prakash Singh Badal) देश की राजनीति में ऐसी शख्सियत थे, जिनके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने भी पांव छूकर कहा था कि राजनीति में रहकर निजी रिश्तों को कैसे निभाया जाए और जनता का नेता कैसे बना जाए, यह प्रकाश सिंह बादल से सीखने को मिलता है।
प्रकाश सिंह बादल (Prakash Singh Badal) ने अपने जीवन में कुल 11 चुनाव जीते। बादल ने हमेशा असूलों की राजनीति को तरजीह दी है। भारतीय राजनीति में एक मौका ऐसा भी आया, जब प्रकाश सिंह बादल को राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति के पद दिए जाने की भी चर्चा चली थी, लेकिन बादल ने उस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद एनडीए की तरफ से उन्हें वरिष्ठता के नाते प्रकाश सिंह बादल को एनडीए का संयोजक भी बनाया गया था।
पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल का निधन, 95 उम्र में ली अंतिम सांस
प्रकाश सिंह बादल (Prakash Singh Badal) के नेतृत्व वाले शिरोमणि अकाली दल का इस समय भले ही बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन है, लेकिन अकाली दल का सबसे लंबे समय तक गठबंधन भारतीय जनता पार्टी के साथ रहा है। भाजपा के साथ मिलकर अकाली दल ने तीन बार पंजाब में सरकार भी बनाई थी। केंद्र सरकार के कृषि सुधार कानूनों का विरोध हुआ तो शिरोमणि अकाली दल ने भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया था। इसके बाद प्रकाश सिंह बादल ने अपना पद्म विभूषण तक लौटा दिया था।
पार्टी कार्यालय में रखा जाएगा पार्थिव शरीर
शिरोमणि अकाली दल सुप्रीमो प्रकाश सिंह बादल की शाम को मौत हो गई है। उनका पार्थिक शरीर बुधवार की सुबह चंडीगढ़ स्थित पार्टी कार्यालय में रखा जाएगा। वहीं पर उनके अंतिम दर्शन किए सकेंगे। चंडीगढ़ में श्रद्धांजलि के बाद प्रकाश सिंह बादल का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव बादल ले जाया जाएगा।