हिंदू धर्म में एक वर्ष में कुल 12 संक्रांतियां पड़ती हैं, इनमें से एक मकर संक्रांति (Makar Sankranti) होती है। मकर संक्रांति का अपना ही महत्व है। इस दिन सूर्य, धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस बार मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी 2024 को मनाया जाएगा। इसी दिन से खरमास समाप्त हो जाएगा। मकर संक्रांति (Makar Sankranti) पर गंगा स्नान और दान का बहुत महत्व होता है। मकर संक्रांति पर शुभ मुहूर्त में स्नान करना चाहिए। 15 जनवरी को सुबह 9:13 बजे सूर्य, धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में गोचर करने जा रहे हैं।
मकर राशि में प्रवेश करेंगे सूर्य
इस दिन रात 9 बजकर 14 मिनट से सूर्यास्त तक लोग गंगा स्नान कर भगवान से अपनी मनोकामना के लिए आराधना कर सकते हैं। इसके अलावा सुबह 9 बजकर 20 मिनट से 10 बजकर 05 मिनट तक का समय शुभ रहेगा। इस मुहूर्त में पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य फल प्राप्त होता है। स्नान करने के बाद जरूरतमंदों को गुड़, तिल और चावल का दान करें। इससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
ब्रह्म मुहूर्त में उठना लाभकारी
यदि आप सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठेंगे, तो आपको सौंदर्य, बल, ज्ञान और स्वास्थ्य की प्राप्ति होगी। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से सभी बीमारियां दूर होती हैं। हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना सबसे उपयुक्त माना जाता है। ऋषि-मुनि भी इसी शुभ समय पर स्नान करते थे। सूर्योदय के बाद स्नान करने में आप जितनी देर करेंगे, स्नान का लाभ उतना ही कम मिलता है।
मकर संक्रांति (Makar Sankranti) स्नान महत्व
मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के अवसर पर स्नान करने के लिए तीर्थराज प्रयाग और काशी को बहुत ही शुभ माना गया है। सभी पवित्र नदियों और तीर्थ स्थानों में स्नान करना लाभकारी है। सूर्य को जल चढ़ाकर श्रीहरि की पूजा या स्मरण करने से पुण्य फल प्राप्त होता है। तांबे या मिट्टी के बर्तन में भरकर रात भर छत पर रखे पानी से भी इस दिन नहाया जा सकता है। दिन के समय सूर्य की किरणों से गर्म हुए पानी से भी इस दिन नहाना उत्तम माना जाता है।