योगी सरकार द्वारा कोरोना नियंत्रण के लिए चलाए जा रहे वैक्सीनेशन को लेकर गांव-गांव में अभियान चल रहा है। इसी क्रम में अब धीरे-धीरे मुस्लिम समाज में भी जागरूकता दिखाई देने लगी है। दरअसल मुस्लिम इलाकों की मस्जिदों में ऐलान किया गया है कि लोग वैक्सीन लगवाकर कोरोना महामारी से बचने और बचाने का प्रयास करें। जैसे ही मस्जिदों में ऐलान हुआ काफी तादाद में मुस्लिम लोग भी वैक्सीन लगवाने के लिए हॉस्पिटलों में जमा होने लगे।
जानकारी के अनुसार पूर्व में राजनीतिक पार्टी द्वारा दिए गए वैक्सीन को लेकर बयान का देहात क्षेत्रों में काफी असर देखने को मिला था, जिसके चलते ग्रामीण लोग वैक्सीनेशन नहीं करा रहे थे। इनमें मुस्लिम समाज के लोग न के बराबर वैक्सीन लगवा रहे थे। मगर जैसे ही मस्जिदों में ऐलान हुआ तो वैक्सीनेशन का कार्य शुरू हो गया। मस्जिदों में मौलानाओं ने ऐलान कर मुस्लिमों को जागरूक करने का कार्य किया है।
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मुस्लिम धर्म गुरु का कहना है कि जिस तरीके से कोरोना वायरस भारत सहित पूरे विश्व में फैला है। ऐसे में जरूरी है कि भारत द्वारा बनाई गई वैक्सीन को सभी लोग लगाएं क्योंकि यह महज वैक्सीन का टीका नहीं है. यह कोरोना लड़ाई में जीत का टीका है।
यही कारण भी है कि मुस्लिम धर्मगुरुओं ने मस्जिदों से यह ऐलान करवाया कि सभी लोग कोरोना की वैक्सीन लगवाएं और अपने आप को कोरोना से सुरक्षित रखें। उन्होंने कहा कि कोरोना से यह लड़ाई महज प्रशासनिक नहीं है बल्कि आमजन को भी इसमें बढ़-चढ़कर अपनी जन सहभागिता देनी होगी।
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जो लोग वैक्सीन को लेकर भ्रम फैला रहे हैं उन लोगों को जवाब देते हुए इस तरह की अनूठी पहल की गई है। जिसके अंतर्गत गाजियाबाद की अधिकांश मस्जिदों में इस बात को लेकर ऐलान कराया जा रहा है कि लोग कोरोना वायरस की वैक्सीन जरूर लगवाएं।