लखनऊ। नए कृषि कानून के खिलाफ चल रहे किसानों के आन्दोलन पर विपक्षी दलों ने सियासत शुरू कर दी है। इस मुद्दे को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधा है।
अखिलेश यादव ने ट्वीट के माध्यम से लिखा कि, जब बेबस किसान की न सुनी जाती फरियाद, हुकूमत के गरूर की वो हिला देते हैं बुनियाद!
जब बेबस किसान की न सुनी जाती फ़रियाद
हुकूमत के ग़रूर की वो हिला देते हैं बुनियाद!#किसान_एकता_जिंदाबाद#Tractor2Twitter#किसान#BKU#नहीं_चाहिए_भाजपा#NoMoreBJP#किसान_एकता_जिंदाबाद#MSP_हमारा_हक#FarmersProtest#IndianFarmers#KissanEktaJindabad#FarmBills2020#SpeakUpForFarmer— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 3, 2020
इससे पहले अखिलेश यादव ने लिखा कि हम कृषि कानूनों के इस संघर्ष में अपने अन्नदाता भाइयों के लिए आटा, दाल, चावल की कमी नहीं होने देंगे।
हम कृषि क़ानूनों के इस संघर्ष में अपने अन्नदाता भाइयों के लिए आटा, दाल, चावल की कमी नहीं होने देंगे.
हम सपा के कार्यकर्ताओं व आम जनता से अपील करते हैं कि वो अन्नदाता की हर संभव मदद करें. डॉक्टरों से विशेष आग्रह है कि वो बुजुर्ग किसानों का ख़्याल रखें. #BKU
# किसान— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 2, 2020
हम सपा के कार्यकतार्ओं व आम जनता से अपील करते हैं कि वो अन्नदाता की हर संभव मदद करें। डॉक्टरों से विशेष आग्रह है कि वह बुजुर्ग किसानों का ख्याल रखें। लेकिन आज बातचीत में सरकार को किसानों को सुनना होगा। किसान कानून के केंद्र में किसान होगा न कि भाजपा के अरबपति मित्र। केंद्र सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि किसानों की समस्या जल्द से जल्द सुलझा ली जाए। इसको लेकर गुरुवार को बैठक चल रही है जिसमें शांतिपूर्ण तरीके से समाधान निकालने पर चर्चा होगी। वहीं किसानों ने संसद का विशेष सत्र बुलाकर तीनों कानून रद्द करने की मांग की है।